Delhi Pollution : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गंभीर प्रदूषण को देखते हुए इस साल राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (National Clean Air Programme, NCAP) के तहत 18 करोड़ रुपये दिये जाएंगे। ये राशि राजधानी दिल्ली के एयर पॉल्यूशन मैनेजमेंट में महत्वपूर्ण कमियों को दूर करने के लिए दी जाएगी। आपको बता दें कि यह पहली बार है जब दिल्ली को एनसीएपी के तहत फंड दिया जाएगा। मीडिया सूत्रों के मुताबिक दिल्ली को एनसीएपी के तहत 18.74 करोड़ रुपये मिलेंगे। NCAP एक राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम है, जिसके तहत, साल 2024 तक पीएम 2.5 और पीएम 10 की कंसेंट्रेशन में 20 प्रतिशत से 30 प्रतिशत की कमी लाने के उद्देश्य तय किया गया है।
NCAP उन 132 शहरों को कवर करता है, जो निर्धारित राष्ट्रीय परिवेश वायु गुणवत्ता मानकों (NAAQS) को पूरा नहीं करते हैं। इन शहरों की पहचान राष्ट्रीय वायु निगरानी कार्यक्रम के तहत 2011-2015 की अवधि के दौरान प्राप्त वायु गुणवत्ता के आंकड़ों के आधार पर की गई है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी को दो साल के लिए NCAP के तहत कोई धन नहीं मिला, क्योंकि उसके पास अन्य संसाधन के रूप में 2000 CC से ऊपर के डीजल वाहनों पर लगाया जाने वाला ग्रीन सेस भी है, जिसे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के पास जमा किया जाता है। इसके अलावा दिल्ली में प्रवेश करने वाले कमर्शियल गाड़ियों पर वाला प्रदूषण टैक्स भी वसूला जाता है।
अधिकारियों के मुताबिक, इस बार एनसीएपी के तहत कोष की उपलब्धता बढ़ी है। वित्त आयोग से 50 शहरों को पहले से ही प्रदूषण प्रबंधन के लिए अच्छी रकम मिल रही है। इसलिए एनसीएपी के तहत शेष 82 शहरों के लिए धन की उपलब्धता में सुधार हुआ है। इसलिए दिल्ली को भी कुछ कोष देने का फैसला किया गया है। इन 82 शहरों के लिए इस साल कुल 290 करोड़ रुपये उपलब्ध हैं। वैसे, दिल्ली सरकार ने भी राजधानी में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए शीतकालीन कार्य योजना तैयार की है। यह योजना 10 प्रमुख मुद्दों पर केंद्रित है, जिसमें पराली जलाने पर रोक, प्रदूषण हॉटस्पॉट, स्मॉग टॉवर का निर्माण और वाहनों और धूल का प्रदूषण कम करना जैसे मुद्दे शामिल हैं।