धीरूभाई अंबानी को उन बिजनेसमैन में गिना जाता है जिन्होंने सपने देखें और उसे अपने दम पर पूरा कर दुनिया के सामने एक मिसाल पेश की। आज उनकी आज 86वीं जयंती है। 28 दिसंबर 1933 को सौराष्ट्र के जूनागढ़ जिले में जन्में धीरज लाल हीराचंद अंबानी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज की नींव रखी थी। बचपन भले ही संघर्ष में बीता हो लेकिन उन्होंने दुनिया के सामने एक ऐसी सक्सेस स्टोरी पेश की जिसके बारे में आज हर कोई जानता है। उन्होंने अपने सपनों के बीच आने वाले हर तूफान का सामना बिना रूके किया। उनकी जयंती के मौके पर यहां जानिए एक किस्सा जो सबक देता है कि अगर दूसरों की तरह आप संघर्षों से डरकर रूक गए तो कभी आगे नहीं बढ़ सकते।
किसी मीटिंग के सिलसिले में धीरूभाई अंबानी को कही जाना था। ड्राइवर ने कार निकाली और अंबानी को लेकर अपनी मंजिल की ओर बढ़ चले। थोड़ा आगे निकले तो ड्राइवर को लगा कि मौसम ठीक नहीं है, हो सकता है तूफान आ जाए तो उसने धीरूभाई अंबानी को इस बारे में कहा तो उन्होंने कहा आगे बढ़ते चलो। कोई बात नहीं। थोड़ा और आगे बढ़े तो मौसम खराब हो गया, तेज हवा चलने लगी। आंधी-तूफान का अंदेशा दिखा तो ड्राइवर ने कहा कि हमें लौट जाना चाहिए, मौसम ठीक नहीं है, तब भी अंबानी नहीं माने, कहा तुम चलते रहो। और आगे जाने पर तूफान जोरों पर था और बादल गरजने लगे। एक बार फिर ड्राइवर ने कहा कि क्या हम थोड़ी देर कहीं रूक जाते हैं। लेकिन अंबानी फिर भी नहीं माने। उसे आगे बढ़ते रहने के लिए ही कहा।
ड्राइवर ने कार चलाना जारी रखा। तेज बारिश होने लगी। दूसरे लोग भी इधर-इधर थोड़ा रूक गए और बारिश रूकने का इंतजार करने लगे। लेकिन ड्राइवर से अंबानी ने चलते रहने को कहा। उसने ऐसा ही किया और चलते गए। कुछ मील दूर पहुंचे तो मौसम साफ था, बारिश भी नहीं थी। धीरूभाई अंबानी ने कहा कि गाड़ी रोक दो अब। थोड़ा रूक जाओ। बाहर उतरो देखो। उन्होंने इस बात से यह सीख दी कि अगर आप अपनी मंजिल की तरफ जा रहे हैं और रास्ते में कई तरह की परेशानियां होंगी। अगर आप दूसरों की तरह रूक गए तो पीछे ही रह जाओगे। आपको हमेशा आगे बढ़ना हैं, तभी आप सफल हो पाओगे, अपनी मंजिल, अपने सपने पूरे कर पाओगे।