उत्तराखंड में बारिश से बढ़ी मुश्किलें, जोशीमठ-मलारी एनएच बंद होने से 400 लोग गांवों में फंंसे
इनमें 22 बाइकर्स हैं। इसके अलावा 50 से 60 पर्यटक हैं, जिन्होंने गांवों में शरण ली हुई है।
By Navodit Saktawat
Edited By: Navodit Saktawat
Publish Date: Sat, 21 Aug 2021 09:48:38 PM (IST)
Updated Date: Sun, 22 Aug 2021 01:37:25 PM (IST)

उत्तराखंड में मानसून की बारिश से मुश्किलें बढ़ गई हैं। 8 दिन से जोशीमठ-मलारी राष्ट्रीय राजमार्ग मरखुड़ा तमक में बंद होने के कारण 400 लोग आसपास के गांवों में फंसे हैं। इनमें 22 बाइकर्स हैं। इसके अलावा 50 से 60 पर्यटक हैं, जिन्होंने गांवों में शरण ली हुई है। बाकी वह लोग हैं जो 15 अगस्त पर गांव आए थे, मगर रास्ता बंद होने के कारण लौट नहीं पा रहे हैं। धौलीगंगा के किनारे बसे गांव भी खाली कराए जा रहे हैं। मौसम विभाग ने देहरादून-नैनीताल समेत आसपास के इलाकों में तेज बौछार पड़ने की संभावना जताई है। बागेश्वर में लगातार बारिश के कारण कारण अभी भी सात सड़कें बंद हैं। पिथौरागढ़ जिले में मुनस्यारी के मालूपाती गांव के निकट पहाड़ी दरक गई। चीन सीमा को जोड़ने वाला मार्ग भी भूस्खलन के कारण बंद है। चंपावत जिले में पूर्णागिरि क्षेत्र के काली मंदिर के पास मलबा आने से श्रद्धालु फंस गए। छह घंटे बाद मार्ग खोलकर उन्हें निकाला गया। सीमांत गांवों में राशन का संकट गहरा गया है। दूरसंचार सेवा भी ठप है, बिजली भी गुल है। ऐसे हालात में प्रशासन की ओर से तीन दिनों से नीति घाटी में हेली सेवा शुरू कर फंसे ग्रामीणों को निकालने की बात कही जा रही है, लेकिन तीसरे दिन भी प्रशासन का हेलीकाप्टर नीति घाटी रवाना नहीं हो पाया।