डिजिटल डेस्क, इंदौर। उत्तराखंड के हल्द्वानी में अवैध मदरसे और नमाज स्थल का अतिक्रमण हटाने गई पुलिस पर हमला कर दिया गया। हालात इतने बिगड़ गए कि डीएम वंदना सिंह चौहान को कर्फ्यू लगाने और देखते ही गोली मारने के आदेश देना पड़े। इसके बाद से नैनीताल की कलेक्टर वंदना सिंह चर्चा में है। पढ़िए इनकी सक्सेस स्टोरी
वंदना सिंह चौहान मूल रूप से हरियाणा की रहने वाली है। उनके गांव नसरुल्लागढ़ में कोई अच्छा स्कूल नहीं था, तो पिता ने भाई को पढ़ने के लिए बाहर भेज दिया। बेटी ने भी पढ़ने की इच्छा जताई तो परिवार ने ध्यान नहीं दिया। उनकी सोच यही थी कि लड़की पढ़कर क्या करेगी? लेकिन वंदना ने तो कुछ और ही ठान रखा था।
वंदन की जिद्द के आगे पिता को हार मानना पड़ी और उन्होंने बेटी को मुरादाबाद गुरुकुल में भेज दिया।
वंदना सिंह चौहान ने स्कूली शिक्षा पूरी होने के बाद आगरा के डॉ. बीआर अम्बेडकर विश्वविद्यालय में LLB में दाखिला लिया। हालांकि, परिवार के अधिक सहयोग नहीं करने पर उन्होंने घर में ही रहकर पढ़ना शुरू किया। वह किताबों को ऑनलाइन ऑर्डर किया करती थी। इस तरह से उन्होंने अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की।
यूपीएससी की तैयारी के लिए वंदना हर दिन 12 से 14 घंटे पढ़ाई करती थीं। IAS बनने की जुनून में उन्होंने मुश्किल हालात में पढ़ाई की। वंदना की मां मिथिलेश ने बताया था कि पूरी गर्मियां वंदना ने अपने कमरे में कूलर नहीं लगाने दिया। कहती थी, ठंडक और आराम में नींद आती है। सेल्फ स्टडी के दम पर पहली ही बार ऑल इंडिया में 8वीं रैंक हासिल की थी।