शेर सिंह डागर, मेवात। डॉर्नियर निगरानी विमान हादसे में शहीद हुई देश की पहली महिला लेफ्टिनेंट किरण शेखावत को रविवार को अमर रहे के नारों के साथ हजारों नम आंखों ने अंतिम विदाई दी। उनका अंतिम संस्कार मेवात के कुर्थला गांव में किया गया।
राजस्थान के झुंझुनू जिले के सेफरा गवार गांव की बेटी किरण मेवात के कुर्थला गांव की बहू थीं। प्रशिक्षण उड़ान के दौरान गोवा तट के समीप मंगलवार रात करीब दस बजे डॉर्नियर विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें किरण शेखावत व लेफ्टिनेंट अभिनव नागौरी की मौत हो गई थी, जबकि कमांडर निखिल कुलदीप बच गए। नौसेना ने बृहस्पतिवार को किरण का शव ढूंढ लिया। रविवार को उनका शव ससुराल कुर्थला लाया गया।
1 मई 1988 को पैदा हुई किरण ने इसी साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड में राजपथ पर नौसेना की महिला टुकड़ी की अगुवाई की थी। नौसेना की वह पहली महिला अधिकारी हैं, जिन्हें जिन्हें देश के लिए शहीद होने का गौरव हासिल हुआ है। किरण के पिता विजेंद्र सिंह शेखावत व ससुर श्रीचंद, नौसेना से सेवानिवृत्त हुए हैं। किरण के पति लेफ्टिनेंट विवेक ने बताया कि दुर्घटना से करीब डेढ़ घंटे पहले उनकी पत्नी से बात हुई थी। वह बहुत मेहनती और काम के प्रति पूरी तरह समर्पित थीं।
अंतिम संस्कार में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कैबिनेट मंत्री राव नरवीर सिंह, राज्यमंत्री विक्रम ठेकेदार, पूर्वमंत्री करण सिंह दलाल समेत तमाम नेता, अधिकारी व नौसेना के अफसरों ने शिरकत की। मुख्यमंत्री मनोहर लाल व केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह के न पहुंचने से लोगों में नाराजगी दिखी।
इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि पूरे देश को किरण शेखावत पर गर्व है। प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री राव नरबीर ने कहा कि किरण के रूप में सेना और देश को भारी क्षति हुई है। उपायुक्त अशोक सांगवान ने किरण की याद में गांव में प्रशासन द्वारा शहीदी स्मारक बनाने की घोषणा की। लेकिन लोगों ने मांग की है कि उनके नाम पर मेवात में केंद्र सरकार कोई बड़ा संस्थान खोले।