नई दिल्ली। मध्य प्रदेश सहित अन्य राज्यों में कोल्ड्रिफ कफ सीरप से हुई बच्चों की मौत के मामले में प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने आज श्रीसन फार्मा और तमिलनाडु में औषधि नियंत्रण कार्यालय के बड़े अधिकारियों के ठिकानों पर छापा मारा है। ईडी इस मामले में जांच कर रही है। उधर श्रीसन फार्मा कंपनी का मालिक जी. रंगनाथन अभी मध्य प्रदेश एसआईटी की रिमांड पर है। एसआईटी आज उसे लेकर चेन्नई पहुंच सकती है।
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में बच्चों की मौत के बाद उत्पन्न हुए गंभीर हालात को देखते हुए, नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन, भोपाल के निर्देश पर औषधि निरीक्षकों के एक विशेष जांच दल द्वारा छिंदवाड़ा में औषधियों की गुणवत्ता जांच के लिए सघन कार्रवाई की जा रही है।
विशेष जांच दल ने पिछले दो दिनों में छिंदवाड़ा स्थित कई मेडिकल एजेंसियों की जांच की है और परीक्षण हेतु कुल 49 कफ सिरप के नमूने एकत्रित किए हैं। ये नमूने राज्य औषधि परीक्षण प्रयोगशाला, भोपाल भेजे गए हैं। प्रयोगशाला से रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद आवश्यक विधिक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
सात मेडिकल स्टोर संचालकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। दल द्वारा मिलावटी औषधि कोल्ड्रिफ कफ सीरप (बैच नंबर एसआर-13) की रिकवरी की कार्रवाई भी की गई। इसके अतिरिक्त, दल ने परासिया क्षेत्र के प्रभावित बच्चों के परिवारों से मुलाकात कर आवश्यक जानकारी एकत्र की।
जिन मेडिकल स्टोर की पूर्व में जांच की गई थी और उनमें अनियमितताएँ पाई गई थीं, उनमें से 7 मेडिकल स्टोर संचालकों को "कारण बताओ नोटिस" जारी किए गए हैं। इन संचालकों के स्पष्टीकरण प्राप्त होने के पश्चात उनके औषधि लाइसेंस को निलंबन अथवा निरस्तीकरण की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने छिंदवाड़ा जिले के समस्त आमजन से विशेष अपील की है कि यदि उनके द्वारा कोल्ड्रिफ सिरप (बैच नंबर एसआर-13) खरीदी गई हो और घर में संग्रहित है तो उसका उपयोग न करें तथा प्रशासन को तुरंत सूचित करें। भाग ने दोहराया है कि निम्न गुणवत्ता या मिलावटी औषधियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी, और दोषी पाए जाने वाले व्यक्तियों एवं संस्थानों पर ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के अंतर्गत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।