डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) को फिर एक बार झटका लगा है, जहां पूर्व सांसद संतोष कुशवाहा ने पार्टी छोड़कर आरजेडी का दामन थाम लिया है। उन्होंने यह फैसला पार्टी में अनदेखी और टिकट बंटवारे में उपेक्षा की वजह से लिया। उनके इस कदम से जेडीयू को नुकसान हो सकता है क्योंकि कुशवाहा का सीमांचल की राजनीति में काफी प्रभाव है।
बता दें कि वह दो बार (2014 और 2019) पूर्णियां से जेडीयू की टिकट पर सांसद रह चुके हैं। हालांकि पिछली बार यानी साल 2024 में उन्हें कद्दावर नेता पप्पू यादव के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था। उनके इस्तीफे को आरजेडी कुशवाहा वोट बैंक को साधने की रणनीति मान रही है।
माना जा रहा है कि इस घटनाक्रम से बिहार के सियासी समीकरण बदल सकते हैं। उम्मीद की जा रही है कि संतोष कुशवाहा धमदाहा विधानसभा सीट से जेडीयू की मंत्री लेशी सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ सकते हैं। संतोष कुशवाहा के अलावा एलजेपी (रामविलास) के नेता अजय कुशवाहा भी आज आरजेडी में शामिल हो सकते हैं, जिससे कुशवाहा समाज में आरजेडी की पकड़ और मजबूत होगी। उन्हें वैशाली विधानसभा सीट से टिकट दिया जा सकता है।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवारों की पहली सूची 13 अक्टूबर को जारी होने की उम्मीद है। बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को होंगे, जबकि नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त होगा।