
एजुकेशन डेस्क। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लड़कियों की शिक्षा को लेकर एक चिंताजनक तस्वीर सामने आई है। सरकार द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक, देशभर में अब भी 45.4 प्रतिशत लड़कियां स्कूल नहीं जा रही हैं। यह स्थिति बताती है कि तमाम योजनाओं के बावजूद बालिका शिक्षा अब भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।
राज्यवार आंकड़ों पर नजर डालें तो महाराष्ट्र की स्थिति सबसे ज्यादा चिंताजनक है, जहां 66 फीसदी लड़कियां स्कूल से बाहर हैं। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश (54.8%), मिजोरम (53.8%), जम्मू-कश्मीर (53.7%) और ओडिशा (49.5%) में भी बड़ी संख्या में लड़कियां शिक्षा से वंचित हैं।
वहीं दूसरी ओर, केरल लड़कियों की शिक्षा के मामले में अन्य राज्यों से आगे नजर आता है। यहां केवल 33.2 फीसदी लड़कियां स्कूल नहीं जातीं। मध्य प्रदेश (37.8%) भी राष्ट्रीय औसत से बेहतर स्थिति में है। हालांकि बिहार (45.7%), राजस्थान (46.2%) और उत्तर प्रदेश (47.2%) अब भी राष्ट्रीय औसत के आसपास या उससे ऊपर हैं।
राष्ट्रीय औसत - 45.4%
महाराष्ट्र - 66%
हिमाचल प्रदेश - 54.8%
मिजोरम - 53.8%
जम्मू-कश्मीर - 53.7%
ओडिशा - 49.5%
उत्तर प्रदेश - 47.2%
राजस्थान - 46.2%
बिहार - 45.7%
मध्य प्रदेश - 37.8%
केरल - 33.2%
यह डेटा प्री-स्कूल से लेकर कक्षा 12वीं तक का है और पिछले पांच वित्तीय वर्षों (FY 2022 से FY 2026) पर आधारित है। इसमें 2025 और 2026 के आंकड़े अस्थायी हैं, जिनमें आगे बदलाव संभव है।
ये आंकड़े साफ संकेत देते हैं कि लड़कियों की शिक्षा को लेकर अभी और गंभीर प्रयासों की जरूरत है, ताकि भविष्य में यह अंतर कम किया जा सके।