Gram Panchayat Election 2021: ग्राम पंचायत चुनाव के लिए शंखनाद हो गया है। पिछले सप्ताह उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) शासन ने पंचायतों में आरक्षण (Reservation) की सूची जारी की। ऐसे में तय हो गया कि किस ग्राम पंचायत (Gram Panchayat) सीट पर कौन से वर्ग कैंडिडेट लड़ने वाला है। अभी आरक्षण लिस्ट (Reservation List) में आपत्तियां दर्ज करवाने के लिए समय है। फिर 15 मार्च को अंतिम सूची जारी होगी। ऐसे में संभावित उम्मीदवारों ने तैयारियां शुरू कर दी है। बता दें उत्तरप्रदेश में हर 5 वर्ष में ग्राम पंचायत चुनाव (Gram Panchayat Election) होते हैं। इन चुनावों के जरिए ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, ब्लॉक पंचायत सदस्य और ब्लॉक प्रमुख चुने जाते हैं। शासन से चुनाव की मंजूरी मिलने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग अधिसूचना जारी करता है। इस साल अप्रैल में चुनाव होने की संभावना है।
ग्राम पंचायत चुनाव में सबसे अहम पद ग्राम प्रधान का है। हर एक ग्राम पंचायत में एक प्रधान चुने जाते हैं। शासन जो भी कार्य के लिए पैसा भेजता है। उसपर पहले प्रधान साइन करता है, फिर ही खर्च होते हैं। ऐसे में ग्राम प्रधान बनने के लिए कुछ अनिवार्य योग्यताएं होती हैं। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं प्रधान बनने के लिए जरूरी योग्यता क्या है। ताकि नामांकन फॉर्म खारिज नहीं हो जाएं।
- उम्मीदवार की आयु 21 साल से कम नहीं होनी चाहिए। वहीं मानसिक स्थिति ठीक होनी चाहिए। साथ ही किसी मामले में दोषी नहीं होना चाहिए।
- उम्मीदवार अगर किसी बैंक या सहकारी समिति का कर्जदार है तो चुनाव नहीं लड़ सकते। इलेक्शन लड़ने से पहले किश्त जमाकर वित्तीय संस्था से नो ड्यूज सर्टिफिकेट होना चाहिए।
- कई राज्यों में पंचायत चुनाव के लिए न्यूनतम एजुकेशन क्वालिफिकेशन जरूरी है। लेकिन यूपी में उम्मीदवारों के लिए कोई शैक्षणिक योग्यता तय नहीं है। ऐसे में कैंडिडेट को कोई शिक्षा का सर्टिफिकेट नहीं दिखाना पड़ता।