नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का गुरुवार को एम्स में शाम 5.05 मिनट पर निधन हो गया। 93 साल के वाजपेयी लंबे वक्त से बीमार थे। मूल्यों और सिद्धांतों की राजनीति करने वाले अटलजी पर कभी कोई दाग नहीं लगा। जब जोड़-तोड़ की राजनीति से उनकी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश हुई, तो उन्होंने कहा था कि ऐसी सत्ता को मैं चिमटे की नोंक से भी छूना पसंद नहीं करूंगा।
आदर्शों के रूप में अटलजी मूल्यों और सिद्धांतों की लंबी विरासत छोड़ गए हैं। मगर, यदि बात उनकी संपत्ति की हो, तो साल 2004 के लोकसभा चुनाव में अटल बिहारी वाजपेयी के शपथ पत्र से इसके बारे में थोड़ी बहुत जानकारी मिलती है।
शपथ पत्र के अनुसार, अटल के नाम कुल चल संपत्ति 30 लाख 99 हजार 232 रुपए थी। पूर्व प्रधानमंत्री होने की वजह से 20,000 रुपए मासिक पेंशन और सचिवीय सहायता के साथ 6000 रुपए का कार्यालय खर्च भी मिलता था।
इस शपथ पत्र के अनुसार, अटल जी की अचल संपत्ति में उनके नाम पर दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश में फ्लैट नं0 509 भी है, जिसकी 2004 के समय कीमत 22 लाख रुपए थी। वहीं, पैतृक निवास शिंदे की छावनी कमल सिंह का बाग की की कीमत साल 2004 में 6 लाख रुपए थी। उनकी कुल अचल संपत्ति 28,00,000 रुपए थी।
इस हलफनामे के मुताबिक स्टेट बैंक के उनके दो अकाउंट्स में 20 हजार और तीन लाख 82 हजार 886 रुपए थे। इसी बैंक के एक और अकाउंट में 25 लाख 75 हजार 562 रुपए थे। वाजपेयी के पास 1,20,782 रुपए के 2,400 यूनिट बांड्स भी थे, जो UTI MPI-1991और 1993 की नेशनल सेविंग स्कीम के तहत जारी किए गए थे।
वहीं, एक वेबसाइट www.celebritynetworth.com के मुताबकि निधन के वक्त उनके पास कुल दो मिलियन डॉलर (14.05 करोड़ रुपए) की चल-अचल संपत्ति मौजूद थी। हालांकि, अभी अटल जी की वसीयत सामने नहीं आई है।
मगर, साल 2005 में संशोधित हिंदू उत्तराधिकार कानून के अनुसार, यह संपत्ति उनकी दत्तक पुत्री नमिता और दामाद रंजन भट्टाचार्य को मिल सकती है। ग्वालियर में अटल जी के कई रिश्तेदारों में भतीजी कांति मिश्रा और भांजी करुणा शुक्ला हैं। वहीं, ग्वालियर में अटल जी के भतीजे दीपक वाजपेयी और भांजे सांसद अनूप मिश्रा हैं।
जब सदन में गरजे अटल, कहा- मैं बस भाषण करता हूं, भड़काता नहीं