नई दिल्ली। केंद्र सरकार नोटबंदी और दूसरे तरीकों से भ्रष्टाचार पर काबू पाने के दावे कर रही है। लेकिन ट्रांसपरेंसी इंटरनेशनल और एंटी करप्शन ग्लोबल सिविल सोसायटी ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार देश को भ्रष्टाचार से मुक्त होने के लिए लंबा सफर तय करना पड़ेगा।
ट्रांसपरेंसी इंटरनेशनल के हालिया सर्वे के अनुसार भारत, एशिया का सबसे भ्रष्ट देश है। फोर्ब्स द्वारा जारी लिस्ट में एशिया के पांच सबसे ज्यादा भ्रष्ट देशों के नाम हैं। इसके रिपोर्ट के अनुसार घूसखोरी के मामले में भारत ने वियतनाम, पाकिस्तान और म्यांमार को भी इस मामले में पीछे छोड़ दिया है।
हालांकि, मैगजीन में छपे आर्टिकल में पीएम मोदी की भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को लेकर प्रशंसा की गई है। इसमें लिखा है, हालांकि, पीएम मोदी की भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई ने अपने निशान बनाए हैं। 53 प्रतिशत लोग मानते हैं कि मोदी सही कर रहे हैं और इससे लोगों में अपने पास ताकत होने का अहसास आया है वहीं 63 प्रतिशत लोग मानते हैं साधारण लोग बदलाव ला सकते हैं।
लिस्ट में वियतनाम भारत के बाद है जहां घूसखोरी की दर 65 प्रतिशत है जबकि पाकिस्तान 40 प्रतिशत के साथ चौथे नंबर पर है। 18 महीने चला ट्रांसपरेंसी इंटरनेशनल का सर्वे 16 देशों के 20,000 लोगों पर किया गया है। बर्लिन स्थित वाचडॉग ने भारत को पिछले साल 168 देशों में 76 वें स्थान पर रखा था। सर्वे के अनुसार भारत में सबसे ज्यादा घूस स्कूलों में (58%) और स्वास्थ्य सेवाओं में (59%) दी जाती है।
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