एजेंसी, नई दिल्ली। भारत ने एक बार फिर दुनिया को अपनी सैन्य शक्ति का एहसास कराया है। वर्ल्ड डायरेक्टरी ऑफ मॉडर्न मिलिट्री एयरक्राफ्ट (WDMMa) की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय वायुसेना (IAF) अब अमेरिका और रूस के बाद दुनिया की तीसरी सबसे ताकतवर वायुसेना बन गई है।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि चीन के पास भारत से ज्यादा फाइटर जेट्स जरूर हैं, लेकिन भारतीय वायुसेना अधिक आधुनिक, मिशन-रेडी और रणनीतिक रूप से सक्षम है।
भारत की वायुसेना न केवल मशीनों की ताकत पर बल्कि बेहतर ट्रेनिंग, तेज प्रतिक्रिया और सटीक हमले की क्षमता पर भी फोकस करती है। यही वजह है कि भारत अब वायुसेना शक्ति के मामले में चीन से आगे निकल गया है।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी भारतीय वायुसेना ने अपनी क्षमता का परिचय दिया था, जिसमें पाकिस्तान के 12 विमान तबाह हुए और एलओसी पर 100 से अधिक पाक सैनिक मारे गए।
रैंक : देश : TVR स्कोर :
1 : अमेरिका : 242.9
2 : रूस : 114.2
3 : भारत : 69.4
4 : चीन : 63.8
5 : जापान : 58.1
TVR (TrueValue Rating) - यह स्कोर वायुसेना की कुल क्षमता को दर्शाता है, जिसमें लड़ाकू विमान, तकनीकी आधुनिकता, लॉजिस्टिक सपोर्ट, ट्रेनिंग और रक्षा दक्षता को ध्यान में रखा जाता है।
भारतीय आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के बीच बेहतर तालमेल ने भी भारत की रक्षा क्षमता को नई ऊंचाई दी है।
वहीं, रूस के पास भले ज्यादा विमान हों, लेकिन यूक्रेन युद्ध में वह हवाई प्रभुत्व नहीं बना सका। इसके विपरीत भारत की रणनीति, ट्रेनिंग और टेक्नोलॉजी ने उसे वर्ल्ड रैंकिंग में आगे पहुंचाया।
डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को भारी नुकसान उठाना पड़ा था।
भारतीय वायुसेना ने सटीक निशाने और तेज रणनीति से पाकिस्तानी एयरबेस को निष्क्रिय कर दिया था।