Good News: भारतीय सेना में काफी तेजी से बदलाव हो रहे हैं और अंग्रेजों के जमाने के नियमों को धीरे-धीरे खत्म किया जा रहा है। इसी तरह के एक ऐतिहासिक फैसले में सेना के सेलेक्शन बोर्ड ने सेवा के 26 साल पूरे होने पर पांच महिला अधिकारियों को कर्नल (Time Scale) रैंक पर प्रमोट करने को मंजूरी दे दी है। यह पहली बार है कि कोर ऑफ सिग्नल, कोर ऑफ इलेक्ट्रॉनिक एंड मैकेनिकल इंजीनियर्स (EME) और कोर ऑफ इंजीनियर्स के साथ सेवारत महिला अधिकारियों को कर्नल के पद पर मंजूरी दी गई है। पहले, कर्नल के पद पर प्रमोशन केवल आर्मी मेडिकल कोर (SMC), जज एडवोकेट जनरल (JAG) और सेना शिक्षा कोर (AEC) के महिला अधिकारियों को मिलता था।
कर्नल टाइम स्केल रैंक के लिए चुनी गई पांच महिला अधिकारियों में कोर ऑफ सिग्नल से लेफ्टिनेंट कर्नल संगीता सरदाना, ईएमई कोर से लेफ्टिनेंट कर्नल सोनिया आनंद और लेफ्टिनेंट कर्नल नवनीत दुग्गल और कोर ऑफ इंजीनियर्स से लेफ्टिनेंट कर्नल रीनू खन्ना और लेफ्टिनेंट कर्नल रिचा सागर हैं।
For 1st-time women officers serving with Corps of Signals, Corps of Electronic&Mechanical Engineers & Corps of Engineers approved to Colonel rank. Previously, promotion to the rank was applicable for women officers in Army Medical Corps, Judge Adv Gen & Army Education Corps: MoD
— ANI (@ANI) August 23, 2021
आपको बता दें कि मौजूदा समय में सेना के स्ट्रक्चर और कठोर चयन मानदंडों के कारण बहुत कम अधिकारी कर्नल के पद पर प्रोमोट हो पाते हैं। आम तौर पर एक लेफ्टिनेंट कर्नल तब तक कर्नल नहीं बन सकता जब तक कि कोई वर्तमान कर्नल सेवानिवृत्त नहीं हो जाता या उसे ब्रिगेडियर में पदोन्नत नहीं किया जाता। लेकिन टाइम स्केल के तहत 26 साल की गणना योग्य सेवा के बाद वो कर्नल (TS) के रूप में अपनी रैंक लिखते हैं।
सेना का ये फैसला धीरे-धीरे भारतीय सेना की अधिकांश ब्रांचों में महिला अधिकारियों को समानता का अधिकार देने और उनके करियर को बढ़ावा देने की ओर बड़ा कदम है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर NDA की परीक्षाओं में महिलाओं को मौका देने का फैसला लिया गया था। अब इस फैसले से संकेत मिलता है कि भारतीय सेना में जल्द ही सभी स्तरों पर लिंग-आधारित भेदभाव खत्म हो जाएगा।