पांव छूकर पद लेने की परिपाटी हमारी पार्टी में नहीं, JDU अध्यक्ष ललन सिंह की कार्यकर्ताओं को हिदायत
ललन सिंह ने मंगलवार को कार्यकर्ताओं को साफ-साफ कहा कि वे पांव छूने से परहेज करें। यह सामंती व्यवहार का अंग है। ...और पढ़ें
By Navodit SaktawatEdited By: Navodit Saktawat
Publish Date: Wed, 28 Dec 2022 01:50:17 AM (IST)Updated Date: Wed, 28 Dec 2022 02:05:31 AM (IST)

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह राजनीति में पैर छूने को पसंद नहीं करते। उनका मानना है कि यह सामंतवाद है और जब छोटा नेता किसी बड़े नेता के पैर छूता है तो यह अच्छा नहीं लगता। स्वयं की पार्टी के बारे में ललन सिंह का भी यही आकलन है। उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं को हिदायत दी है कि यह पैर छूने की परिपाटी हमारे संगठन की संस्कृति नहीं है, यह अन्य दलों में होता है। हमारे लिए तो कार्यकर्ता ही सर्वोपरि हैं।
सांसद व जदयू अध्यक्ष राजीव रंजन ललन सिंह आज नईदुनिया के सहयोगी प्रकाशन दैनिक जागरण से विशेष बात कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने यह बात कही। उन्होंने कहा कि संगठन में काम करने वालों को वरीयता मिलती रही है। पांव छूकर पद लेने की परिपाटी जदयू में नहीं हैं। हां, कुछ दूसरी पार्टियों में यह संस्कृति है। हमारे दल में कार्यकर्ताओं का स्थान सर्वोच्च है। गांव-टोले में उनकी मेहनत से ही पार्टी का आधार बना है।
उनकी मेहनत से ही चुनावों में जीत होती है। यह अच्छा नहीं लगता है कि जिलों से आए कार्यकर्ता या नेता मुख्यालय में बैठे नेताओं के पांव छूएं। उनसे याचना करें। कई बार अधिक उम्र के कार्यकर्ता भी कम उम्र के पदधारकों के पांव छू लेते हैं। इससे हास्यास्पद स्थिति उत्पन्न हो जाती है। जदयू में काम के आधार पर कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया जाता है। विधानसभा, लोकसभा, राज्यसभा और विधान परिषद में सबसे अधिक कार्यकर्ताओं को जदयू ने ही भेजा है।