एजेंसी, जहानाबाद। शिक्षा पाने की चाहत में छात्र रोजाना अपनी जान दांव पर लगाकर कोचिंग जाने को मजबूर हैं। सरकारी संस्थानों में उच्च शिक्षा की बदहाल व्यवस्था और आर्थिक तंगी के कारण ग्रामीण इलाकों के छात्र प्रतिदिन जिला मुख्यालय स्थित कोचिंग सेंटरों तक पहुंचते हैं। लेकिन बसों में सीट न मिलने और रियायती किराए की मजबूरी उन्हें छत पर बैठकर खतरनाक सफर करने के लिए विवश कर देती है।
बसों की छत पर बैठे इन छात्रों के ठीक ऊपर से हाई वोल्टेज बिजली के तार गुजरते हैं। ऐसे में मामूली सी चूक सीधी मौत में बदल सकती है। हर दिन यह भयावह दृश्य देखा जा सकता है, जहां भविष्य संवारने निकले छात्र अनजाने में अपनी जिंदगी को खतरे में डाल रहे हैं।
बसें नीचे से लेकर ऊपर तक ठसाठस भरी रहती हैं। चढ़ने के लिए छात्रों को धक्का-मुक्की करनी पड़ती है। बावजूद इसके, मजबूरी में उन्हें छत पर चढ़ना ही पड़ता है। यह स्थिति किसी बड़े हादसे को न्योता दे रही है।
जहानाबाद शहर मैट्रिक, मेडिकल, इंजीनियरिंग और विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग हब बन चुका है। बड़ी संख्या में छात्र यहां पढ़ाई करने आते हैं। हालांकि, आर्थिक तंगी के कारण कई छात्र शहर में डेरा लेकर रह नहीं पाते और रोजाना गांव से आना-जाना करते हैं। नतीजा यह है कि उन्हें असुरक्षित और जानलेवा सफर करना पड़ रहा है।
दैनिक जागरण द्वारा इस खतरनाक स्थिति की तस्वीरें जिलाधिकारी अलंकृता पांडेय तक पहुंचाई गईं। डीएम ने समस्या की गंभीरता को स्वीकारते हुए कहा है कि छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए शीघ्र सकारात्मक पहल की जाएगी।
यह हालात साफ बताते हैं कि बेहतर भविष्य की तलाश में निकलने वाले ये विद्यार्थी हर दिन अपनी जिंदगी से खिलवाड़ करने को मजबूर हैं। अगर समय रहते प्रशासन ने ठोस कदम नहीं उठाए, तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।