लखीमपुर खीरी कांड: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों की मौत के बाद तनाव कायम है। अब तक कुल 8 लोगों के मारे जाने की सूचना है, जिनमें से पांच किसान हैं। ताजा खबर यह है कि प्रदेश सरकार ने किसानों की अधिकांश मांगे मान ली हैं। एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने बताया कि लखीमपुर खीरी में मारे गए 4 किसानों के परिवारों को सरकार 45 लाख रुपये और एक सरकारी नौकरी देगी। घायलों को 10 लाख रुपये दिए जाएंगे। किसानों की शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज मामले की जांच करेंगे। माना जा रहा है कि इसके साथ ही किसानों और सरकार के बीच समझौता हो गया है।
किसानों के बीच मौजूद उपद्रवियों ने फैलाई हिंसा: राज्य मंत्री अजय मिश्र
मामले में आरोपी बताए जा रहे केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया कि किसानों के बीच मौजूद उपद्रवियों ने इस पूरी घटना को अंजाम दिया है। उपद्रवियों को पहले से पता था कि यह सालाना कार्यक्रम हो रहा है और उसमें मुख्य अतिथि के रूप में यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य आ रहे हैं। अजय मिश्र टेनी ने कहा कि उपद्रवियों ने भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या की है। इसकी जांच होना चाहिए और मृतकों के परिजन को आर्थिक सहायता मिलना चाहिए। उन्होंने मौका-ए-वारदात पर खुद के या अपने बेटे के होने के आरोपों का खंडन किया। बता दें, घटना को लेकर किसानों ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी और उनके बेटे आशीष मिश्र टेनी के खिलाफ तिकुनिया, लखीमपुर खीरी में शिकायत दर्ज कराई है।
हिरासत में अखिलेश यादव, प्रियंका गांधी, कई नेताओं को लखीमपुर आने से रोका
लखीमपुर जाने की कोशिश कर रहे अखिलेश यादव और प्रियंका गांधी को हिरासत में ले लिया गया है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ ही पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को लखनऊ आने की अनुमति नहीं मिली। इससे पहले किसान नेता राकेश टिकैत मौके पर पहुंचे। उन्होंने प्रशासन के सामने अपनी मांगें रखी हैं और कहा है कि जब तक मांगे नहीं मानी जाएंगी, तब तक शवों का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। जो मांगे राकेश टिकैत की ओर से रखी गई हैं उनमें प्रमुख हैं, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री और खीरी के सांसद अजय मिश्र "टेनी" को मोदी कैबिनेट से हटाना, उनके औ उनके बेटे के खिलाफ एफआईआर दर्ज करना, मृत किसानों के परिवार को 1-1 करोड़ की आर्थिक सहायता और सरकारी नौकरी। इस बीच, इलाके में भारी पुलिसबल तैनात है। सियासत पहले ही शुरू हो चुकी है। प्रियंका वाड्रा, अखिलेश यादव, संजय सिंह समेत तमाम नेताओं ने लखीमपुर आने की कोशिश की, जिन्हें रोक दिया गया है।
फोटो: पुलिस हिरासत में प्रियंका वाड्रा ने झाड़ू लगवाई
फोटो: पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के लखीमपुर खीरी जाने की कोशिश की, लेकिन उन्हें रोक दिया गया। इस दौरान भारी हंगामा हुआ। आखिर में अखिलेश अपने निवास के बाहर ही धरने पर बैठ गए। अखिलेश ने कहा, यह सरकार किसानों पर जिस तरह का अत्याचार कर रही है, उस तरह के अत्याचार अंग्रेज भी नहीं करते। गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा और डिप्टी सीएम (केशव प्रसाद मौर्य) को इस्तीफा दे देना चाहिए। मरने वाले किसानों के परिजनों को दो करोड़ रुपये और सरकारी नौकरी दी जाए। इससे पहले अखिलेश के निर्धारित दौरे से पहले विक्रमादित्य मार्ग स्थित उनके आवास के बाहर पुलिस बल तैनात किया गया था।
#WATCH | Lucknow: Police take Samajwadi Party president Akhilesh Yadav into custody outside his residence where he staged a sit-in protest after being stopped from going to Lakhimpur Kheri where 8 people died in violence yesterday pic.twitter.com/VYk12Qt87H
— ANI UP (@ANINewsUP) October 4, 2021
छत्तीसगढ़ के सीएम भी नहीं जा सके: छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल को भी लखीमपुर नहीं जाने दिया गया। उन्होंने कहा, किसानों के साथ जिस तरह का व्यवहार किया गया है, वह भाजपा सरकार की मानसिकता को दर्शाता है। यह दर्शाता है कि अगर आप उनके खिलाफ खड़े हुए तो आपको कुचल दिया जाएगा। इससे पहले यूपी के अतिरिक्त मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने लखनऊ एयरपोर्ट से छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल और पंजाब के डिप्टी सीएम सुखजिंदर एस रंधावा को एयरपोर्ट पर उतरने की इजाजत नहीं देने को कहा। बघेल और रंधावा ने आज लखीमपुर खीरी जाने की घोषणा की है।
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विपक्षी दलों को मिल गया एक और मौका
मालमे की पूरी जानकारी सामने आने से पहले ही विपक्षी दलों ने यूपी और केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया। प्रियंका वाड्रा, अखिलेश यादव, संजय सिंह उन नेताओं ने रहे, जिन्होंने सबसे पहले प्रतिक्रिया दी। विपक्षी दलों ने इसे अमानवीय और क्रूर घटना बताते हुए भाजपा सरकार की खिंचाई की और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे की मांग की।
सीएम योगी आदित्यनाथ की प्रतिक्रिया
घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, लेकिन यह भी कहा कि उनकी सरकार इस मामले में गहराई से जाएगी और घटना के पीछे के लोगों का पर्दाफाश करेगी। उन्होंने इलाके के लोगों से भी शांति बनाए रखने की अपील की।