'भगवान विष्णु का उड़ाया था मजाक...', वकील राजेश किशोर ने बताया CJI गवई पर जूता फेंकने का कारण
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान वकील राजेश किशोर ने मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर जूता फेंका। पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर रिहा कर दिया, क्योंकि सीजेआई ने केस दर्ज नहीं कराया। किशोर ने कहा कि सीजेआई की भगवान विष्णु पर टिप्पणी से उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुईं और यह उनकी प्रतिक्रिया थी।
Publish Date: Tue, 07 Oct 2025 11:36:08 AM (IST)
Updated Date: Tue, 07 Oct 2025 11:36:08 AM (IST)
वकील ने सीजेआई की टिप्पणी से था नाराज। (फाइल फोटो)HighLights
- सीजेआई गवई पर वकील ने कोर्ट में जूता फेंका।
- पुलिस ने गिरफ्तार कर बाद में किया रिहा।
- सीजेआई ने केस दर्ज करने से किया इंकार।
एजेंसी, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सोमवार को मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर एक वृद्ध वकील राजेश किशोर ने जूता फेंका था। इस घटना ने पूरे देश में सुर्खियां बटोरी। पुलिस ने तुरंत ही आरोपी राजेश किशोर को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन बाद उनको रिहा कर दिया गया, क्योंकि सीजेआई गवई ने उनके ऊपर केस दर्ज करने से मना कर दिया।
आपको बता दें कि जवारी मंदिर के पुनर्निमाण के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस मामले की सुनवाई के दौरान सीजेआई गवई ने आप भगवान विष्णु के भक्त हैं, उनसे ही कहें कि वह कुछ कर दें। वकील राजेश किशोर ने सीजेआई गवई की इस टिप्पणी को भगवान विष्णु के अपमान के तौर पर देखा।
हमलावर ने क्या कहा?
- सीजेआई गवई के भगवान विष्णु पर की टिप्पणी से मुझे ठेस पहुंची। मैं कोई नशे में नहीं था। यह उनकी हरकत पर मेरी प्रतिक्रिया थी। मैं डरा हुआ नहीं हूं। मुझे जो हुआ उसका कोई अफसोस भी नहीं है।
- 16 सितंबर को मुख्य न्यायाधीश की अदालत में एक जनहित याचिका दायर की गई थी। मुख्य न्यायाधीश ने इसका मजाक उड़ाते हुए कहा कि जाओ और मूर्ति से प्रार्थना करो और उसे अपना सिर वापस लगाने के लिए कहो।
- जब नूपुर शर्मा का मामला अदालत में आया, तो अदालत ने कहा कि उसने माहौल बिगाड़ा है। जब हमारे सनातन धर्म से जुड़ा कोई मामला आता है, तो सर्वोच्च न्यायालय ऐसे आदेश देता है। याचिकाकर्ता को राहत न दें, लेकिन उसका मजाक भी न उड़ाएं। मुझे ठेस पहुंची। मैं नशे में नहीं था। यह उसकी हरकत पर मेरी प्रतिक्रिया थी। मैं डरा हुआ नहीं हूं। मुझे जो हुआ उसका कोई अफसोस नहीं है।