
डिजिटल डेस्क। दिल्ली में 10 नवंबर को हुए कार ब्लास्ट की जांच अब एक चौंकाने वाले मोड़ पर पहुंच गई है। एजेंसियों का कहना है कि इस पूरी साजिश की मास्टरमाइंड एक महिला डॉक्टर थी, जिसे मॉड्यूल के भीतर ‘मैडम सर्जन’ के नाम से पहचाना जाता था। उसका नाम डॉ. शाहीन शाहिद है, जो कई वर्षों से जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के एक गुप्त नेटवर्क से जुड़ी हुई बताई गई है।
जांच अधिकारियों ने बताया कि शाहीन को फरीदाबाद से गिरफ्तार किया गया। उसके पास से डिजिटल रिकॉर्ड, हाथ से लिखी डायरी और नोट्स मिले हैं, जिनमें “D-6 मिशन” का जिक्र है, जिसे 6 दिसंबर को होने वाले एक बड़े हमले की योजना बताया जा रहा है। यह हमला बाबरी मस्जिद विवाद से जुड़ी “बदला कार्रवाई” के तौर पर प्लान किया गया था।
दस्तावेज़ों में क्या मिला?
मिली हुई डायरी और नोट्स में टारगेट लिस्ट, भर्ती की रणनीतियाँ, फंडिंग का हिसाब और सुरक्षित संवाद के नियम लिखे हुए थे। शाहीन के साथ दो कश्मीरी डॉक्टर मुजम्मिल अहमद गनई और उमर उन नबी भी इसी मॉड्यूल का हिस्सा थे।
जांच एजेंसियों ने लगभग 20 लाख रुपये की हवाला फंडिंग का पता लगाया है। बताया जा रहा है कि JeM के एक हैंडलर ने यह रकम शाहीन, उमर और मुजम्मिल तक पहुंचाई थी, जिसे भर्ती, सुरक्षित ठिकाने, फोन और रेकी में इस्तेमाल किया गया।
बैंक ट्रांजैक्शन की गहन जांच
टीमें अब शाहीन के बैंक खातों की भी पूरी जांच कर रही हैं। उसके कानपुर के तीन, लखनऊ के दो और दिल्ली के दो अकाउंट में आए हर बड़े लेनदेन की पड़ताल हो रही है। इसके अलावा कानपुर के GSVM मेडिकल कॉलेज में उसके व्यवहार और गतिविधियों को भी जांच से जोड़ा जा रहा है, जहां वह लंबे समय तक काम करती रही।
सहकर्मियों के अनुसार वह कम बोलने वाली, शांत और जिम्मेदार दिखती थी। वह अक्सर अपने छोटे बच्चे को भी साथ लाई करती थी क्योंकि घर पर संभालने वाला कोई नहीं था। दिसंबर 2013 में उसने अचानक कॉलेज छोड़ा और कहा कि 4 जनवरी 2014 को लौटेगी—लेकिन कभी नहीं आई।
2021 में कॉलेज ने उसके नाम को रिकॉर्ड से हटा दिया। 2016 में स्टाफ जब उसके पते पर गया तो पता ही गलत निकला। पूछताछ में सामने आया कि मार्च 2022 में पूरा मॉड्यूल तुर्किये गया था, जहां इनकी मुलाकात ISI हैंडलर अबू उकाशा से हुई।
वैचारिक बदलाव कैसे शुरू हुआ?
अधिकारियों के अनुसार, शाहीन में वैचारिक बदलाव करीब 2010 के आसपास शुरू हुआ। उसी समय विदेश में रहने वाले भारतीय मूल के एक डॉक्टर से उसका संपर्क बना, जिसने उसे वीडियो और साहित्य भेजना शुरू किया। 2015–16 आते-आते वह कथित तौर पर JeM के लोगों के और करीब आने लगी।
कौम का कर्ज उतारने का समय है
परिवार के एक सदस्य ने बताया कि जब नौकरी, परिवार और शादी छोड़ने पर उससे सवाल किया गया, तो उसने बस इतना कहा “मैंने अपने लिए काफी जी लिया, अब अपनी कौम का कर्ज उतारने का समय है।”
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