दीप्ति मिश्रा, पटना/ नई दिल्ली। Manvi Madhu Kashyap: बिहार पुलिस में पहली बार ट्रांसजेंडर दरोगा बनी हैं। बांका जिले के एक छोटे से गांव पंजवारा की रहने वाली मानवी मधु कश्यप बिहार की पहली ट्रांसजेंडर सब इंस्पेक्टर बनीं हैं। इस उपलब्धि पर दैनिक जागरण ने मानवी मधु कश्यप से खास बातचीत की है।
मानवी मधु कश्यप ने कहा कि मैंने ताली न बजाने और भीख न मांगने की कसम खाकर परीक्षा की तैयारी शुरू की थी, तब अंदाजा नहीं था कि प्रदेश की पहली ट्रांसजेंडर दारोगा बन जाउंगी। मैं अपनी खुशी को शब्दों में बयां नहीं कर सकती हूं। मानवी ने कहा, 'मैंने अब सपनों का आकार बड़ा कर लिया है। मैं यूपीएससी क्लियर करके आईएएस अधिकारी बनना चाहती हूं।'
मानवी अपने माता-पिता की चौथी संतान हैं। उनके दो भाई और एक बहन हैं, जिनकी शादी हो चुकी है। मानवी की 12वीं तक पढ़ाई सीएमडी कॉलेज में हुई। हालांकि स्कूली शिक्षा में भी काफी संघर्ष करना पड़ा। घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। गांव के एक शख्स से 1300 रुपये उधार लेकर अखबार बांटने का काम किया। तब जाकर 12वीं कक्षा में एडमिशन हो पाया था।
मानवी मधु कश्यप ने कहा कि तिलका मांझी विश्वविद्यालय, भागलपुर से ग्रेजुएशन की पढ़ाई की। इस बीच पिता जी नहीं रहे। पढ़ाई और घर की जिम्मेदारी संभालना मुश्किल था। वहीं, शरीर में हो रहे बदलाव के कारण जिंदगी दूभर होती जा रही थी। ऐसे में अपनी बहन आसनसोल चली गई।
मानवी ने कहा, 'आसनसोल में रहने के दौरान मुझे मेरे दोस्त मिल गए। उनके साथ बेंगलुरु चली गई। वहां अपने समुदाय के लोगों के साथ वास्तवित पहचान के साथ रहने लगी थी।' उन्होंने इस दौरान मुझे पता चला कि दानापुर में थर्ड जेंडर के लिए गरिमा गृह खुल गया है। यहां आकर रहने लगी। यहां मेरी मुलाकात रेशमा प्रसाद से हुई।
मानवी बताती हैं 2021 में कई कोचिंग इंस्टीट्यूट के चक्कर लगाए, लेकिन मेरी शारीरिक बनावट देखकर सबने एडमिशन देने से इनकार किया है। फिर रेशमा प्रसाद ने अदम्या अदिति गुरुकुल के गुरु डॉक्टर एम रहमान से बात की। डॉ. रहमान सर ने मुझे फ्री में पढ़ाया और किताबें खरीदने के लिए पैसे भी दिए।
उन्होंने कहा,' इस बीच रेशमा प्रसाद ने मेरी मुलाकात मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से करवाई। बिहार सरकार ट्रांसजेंडरों को डेढ़ लाख रुपये की मदद देती है।' मुझे यह राशि मिली और कुछ पैसे मेरे पास थे। अक्टूबर 2022 में सर्जरी करवाकर पूरी तरह से मानवी मधु कश्यप बन गई।