उत्‍तर प्रदेश के बरेली में बुधवार को विरोध का एक अनूठा तरीका देखने को मिला। यहां हनुमान जी महाराज से लोगों से अपनी समस्‍या बताई और हल की गुहार लगाई। चिरंजीवी रामभक्त हनुमान का गुणगान करने बैठे भक्तों ने इस बार अनोखी गुहार लगाई। श्री हनुमान चालीसा पाठ करने के बाद बरेली में 12 मंदिरों के पुजारियों को सांकेतिक ज्ञापन सौंपा। जिसमें उन्होंने लिखा...हे हनुमान, आप साधु-संतों के रखवाले और असुरों का संहार करने वाले हैं। श्रीरामचरित मानस पर की गई टिप्पणी सनातन पर प्रहार है। हे पवनसुत, अपना बल पुनः याद करो। कलियुग में भी एक लंका दहन की आश्यकता महसूस होने लगी है। ज्ञापन में यह स्पष्ट उल्लेख नहीं किया लेकिन उन्‍होंने जो संदर्भ दिया उसमें सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य और बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर का बयान था।

ज्ञापन में यह लिखा गया

हे वीर बजरंगी, श्रीरामचरित मानस पर आपत्तिजनक टिप्पणी से जैसे हम सब आहत हैं, वैसे आप भी होंगे। मानस पर टिप्पणी एवं सनातन पर प्रहार किया जा रहा। इसे समाप्त करने का षड्यंत्र रखा जा रहा। हे प्रभु, हम सभी भक्त कामना करते हैं कि आप रावण की लंका दहन जैसी पुनरावृत्ति कर दें। भगवान श्रीराम के कृपापात्र रहे तुलसीदास पर भी टिप्पणी की जा रही हैं। आप तो साधु-संतों के रखवाले और असुर निकंदन हैं। एक बार पुनः पुराने रूप में आकर ऐसे लोगों को दंड दीजिए। हमारी पीड़ा कोई सुन नहीं रहा, इसलिए आप ही ज्ञापन स्वीकार करिये। एक बार फिर से संपूर्ण सृष्टि को एहसास करा दीजिए...चारों जुग परताप तुम्हारा, है परसिद्ध जगत उजियारा।

यह है पूरा मामला

भगवान हनुमान के भक्त एवं बाल रोग विशेषज्ञ डा. ब्रजेश यादव लंबे समय से सुंदरकांड एवं हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ कराते हैं। सामूहिक आयोजनों के लिए उन्होंने मानस सेवा समिति बना ली है। मंगलवार को 12 स्थानों पर हनुमान चालीसा पाठ हुआ, डा. यादव महाकालेश्वर मंदिर के आयोजन में शामिल हुए थे। पाठ करने के बाद दर्जनों भक्तों ने सांकेतिक ज्ञापन के जरिए श्रीरामचरित मानस पर टिप्पणी करने वालों की आलोचना की।

कौन हैं डा. ब्रजेश यादव

बाल रोग विशेषज्ञ डा. ब्रजेश यादव मिनी बाईपास पर अस्पताल संचालन करते हैं। अस्पताल में जन्म लेने वाले प्रत्येक सनातनी बच्चे के कान में हनुमान चालीसा की चौपाई सुनाते हैं। उन्होंने आपरेशन थियेटर, अपने केबिन में श्रीराम और हनुमान के बड़े चित्र लगाए हैं। अस्पताल की दीवारों पर सुंदरकांड की चौपाइयां लिखवाई हैं।

Posted By: Navodit Saktawat

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