डिजिटल डेस्क: वृंदावन के श्री हित राधा केलिकुंज आश्रम के संत प्रेमानंद महाराज की बाल्यकाल की साधना स्थली अब भव्य धार्मिक केंद्र बनने जा रही है। कानपुर के सरसौल ब्लाक के सैंमसी गांव स्थित देवरा माता मंदिर परिसर, जहां महाराज ने चार वर्ष ध्यान साधना की थी, अब राधारानी मंदिर में परिवर्तित हो रहा है। महाराज की इच्छा के बाद इस भूमि को धर्मस्थली के रूप में विकसित करने का कार्य आरंभ कर दिया गया है, जिससे भक्तों में गहरा उत्साह है।
नरसिंहपुर जिले के सरसौल ब्लाक के सैंमसी गांव स्थित देवरा माता मंदिर, जहां संत प्रेमानंद महाराज ने अपने बचपन के चार साल साधना में बिताए थे, अब भव्य राधारानी मंदिर का रूप ले रहा है। यह वही स्थान है जहां 13 वर्ष की आयु में महाराज नरवल के अखरी गांव से निकलकर महंत गणेशानंद स्वामी के सान्निध्य में पहुंचे थे।
पूर्व प्रधान विष्णुदत्त अवस्थी ने बताया कि महाराज जी ने वर्षों बाद इस स्थल पर मंदिर निर्माण की इच्छा व्यक्त की। इसके बाद देवरा माता मंदिर ट्रस्ट का गठन कर बुधवार को ट्रस्ट के नाम पर सवा बीघा जमीन की रजिस्ट्री भी कराई गई।
मंदिर निर्माण की शुरुआत होते ही गांव में भक्तों का उत्साह उमड़ पड़ा है। श्रद्धालु ट्रैक्टरों में ईंट, गिट्टी और मौरंग पहुंचाकर सेवा में योगदान दे रहे हैं। ग्रामीण इसे महाराज की कृपा मानते हैं और तन-मन-धन से समर्पित होकर सहयोग कर रहे हैं।
स्थानीय लोगों का मानना है कि जब महाराज जी ने अपनी बाल्यकाल की साधना स्थली को पुनः पूज्य भूमि बनाने की इच्छा व्यक्त की है, तो यह गांव और क्षेत्र के लिए सौभाग्य की बात है। वे मानते हैं कि आने वाले समय में यह मंदिर क्षेत्र को नई धार्मिक पहचान और विकास देगा।
हालांकि महाराज के सहयोगी नवल नागरी महाराज ने कहा कि इस निर्माण का आश्रम या स्वयं महाराज जी से कोई सीधा संबंध नहीं है।