सूची खोई तो नेहरू ने माउंटबेटन को सौंप दिया था खाली लिफाफा
सूची न मिलने पर नेहरू ने जल्दबाजी में प्रतीकात्मक तौर पर खाली लिफाफा ही सौंप दिया।
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Publish Date: Mon, 12 Jun 2017 01:48:07 PM (IST)
Updated Date: Mon, 12 Jun 2017 02:24:59 PM (IST)

ऐसा नहीं कि छोटी-छोटी गलतियां या गड़बड़ियां सामान्य जनों से ही होती हों, राष्ट्रध्यक्ष या प्रधानमंत्री जैसे जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग भी बहुत मामूली किस्म की गलतियां कर बैठते हैं। मजे की बात यह कि जिस तरह आम आदमी कोई न कोई जुगाड़ कर उस गलती को सुधार लेता है, वैसा ही बड़े लोग भी कर गुजरते हैं। यह किस्सा देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का है, जिन्होंने देश को आजादी मिलने के महज 20 मिनट बाद ही एक बड़ी गलती की। हालांकि उन्होंने उसे येन-केन-प्रकारेण तुरंत सुधार भी लिया।
किस्सा 14-15 अगस्त 1947 की मध्यरात्रि का है। भारत को आजादी मिलने के महज 20 मिनट बाद ही नेहरू और देश के प्रथम राष्ट्रपति बने डॉ. राजेंद्र प्रसाद अंग्रेज सरकार के प्रतिनिधि लॉर्ड माउंटबेटन के पास पहुंचे।
तब वायसराय माउंटबेटन से इन दोनों नेताओं ने आजाद भारत का पहला गवर्नर जनरल बनने का अनुरोध किया। साथ ही पंडित नेहरू ने माउंटबेटन को एक लिफाफा सौंपा, जिसमें देश की पहल कैबिनेट में शामिल होने वाले केंद्रीय मंत्रियों के नामों की सूची थी। मगर आश्चर्य की जब लिफाफा खोला गया तो वह खाली था क्योंकि उस समय वह सूची कहीं गुम हो गई थी। सूची न मिलने पर नेहरू ने जल्दबाजी में प्रतीकात्मक तौर पर खाली लिफाफा ही सौंप दिया। हालांकि बाद में शपथ ग्रहण तक सूची ढूंढ ली गई और उसी आधार पर आजाद भारत की पहली कैबिनेट का गठन हुआ।