डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को आयकर विधेयक, 2025(New Advance Tax Rule 2025) में अग्रिम टैक्स (Advance Tax) से जुड़े नए नियमों की अधिसूचना जारी की है। इसके तहत, यदि आप निर्धारित तारीख तक एडवांस टैक्स की पूरी राशि का भुगतान नहीं करते हैं तो आपको अब कम से कम 3% ब्याज देना होगा। यह नया नियम पुराने आयकर अधिनियम, 1961 के साथ तालमेल रखते हुए बनाया गया है ताकि टैक्सपेयरों को किसी भी तरह की उलझन न हो।
मौजूदा नियमों के अनुसार, जिनका टैक्स 10,000 रुपए या उससे अधिक है, उन्हें साल में चार किश्तों में अग्रिम टैक्स जमा करना होता है। ये तारीखें हैं: 15 जून, 15 सितंबर, 15 दिसंबर और 15 मार्च। अगर इन तारीखों तक पूरा टैक्स जमा नहीं होता है तो ब्याज देना पड़ता है।
एक दिन देरी पर ब्याज
पहले जो आयकर (संख्या 2) विधेयक, 2025 में प्रस्ताव था, उसके मुताबिक, टैक्स पेमेंट में एक दिन की देरी पर 1% प्रति माह ब्याज लगता था। लेकिन यह नियम पुराने कानून के साथ मेल नहीं खाता था, जिससे टैक्सपेयरों को समझने में दिक्कत हो रही थी।
अब जारी नई अधिसूचना में साफ किया गया है कि यदि टैक्स पेमेंट एक दिन भी देरी से किया जाए तो कम से कम तीन महीने के लिए 3% ब्याज देना होगा। इसका मतलब यह है कि छोटी-सी चूक भी टैक्सपेयर के लिए महंगी साबित हो सकती है।
नांगिया एंडरसन एलएलपी के साझेदार संदीप झुनझुनवाला ने कहा, "यह नया नियम टैक्स सिस्टम में पारदर्शिता लाएगा और टैक्सपेयरों को समय पर भुगतान के लिए अधिक सतर्क बनाएगा। अब कोई भी देरी करने वाला कम से कम तीन महीने का ब्याज जरूर भुगतेगा।"
लोकसभा में सोमवार को पास हुए 'आयकर (संख्या 2) विधेयक, 2025' को जल्द ही कानून बनाना है, जो 1961 के पुराने आयकर अधिनियम की जगह लेगा। नए कानून का उद्देश्य टैक्स नियमों को सरल और समझने में आसान बनाना है, ताकि आम लोग भी टैक्स नियमों को आसानी से समझ सकें।
यह नियम विशेष रूप से उन सभी टैक्सपेयरों के लिए महत्वपूर्ण है, जो अग्रिम टैक्स का भुगतान करते हैं, चाहे वे व्यवसायी हों, कर्मचारी हों या प्रोफेशनल। वित्त मंत्रालय का यह कदम टैक्स प्रणाली को अधिक पारदर्शी बनाने और समय पर टैक्स भुगतान को सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है।