New Parliament Building: नए संसद भवन पर राजनीति जारी है। इस बीच, बड़ी खबर है कि सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति से उद्घाटन (Inauguration) करवाए जाने मांग वाली याचिका खारिज कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि अनुच्छेद 32 के तहत इस मामले में दखल देने का अधिकार नहीं है।
साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ता को भी फटकरा लगाई कि वह ऐसे मामले में लेकर सर्वोच्च अदालत तक आ गए। सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुच्छेद 32 का हवाला देने का मतलब है कि अब याचिकाकर्ता के पास हाई कोर्ट जाने का भी मौक नहीं है।
जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच इस जनहित याचिका पर सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट की वकील सीआर जया सुकिन ने दायर याचिका की थी। इसमें कहा गया था कि नए संसद भवन (New Parliament Building) के उद्घाटन में राष्ट्रपति को शामिल नहीं करके, केंद्र सरकार ने संविधान का उल्लंघन किया है।
याचिका में तर्क दिया गया था कि केंद्र सरकार ने उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं किया, जो अनुचित है।
हवन और धार्मिक प्रार्थना से होगा नए संसद भवन का उद्घाटन
इस बीच, नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम की रूपरेखा सामने आ गई है। रविवार सुबह हवन और विभिन्न धर्मों की प्रार्थनाओं के बाद लोकसभा के चैंबर को आधिकारिक रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए खोला जाएगा।
नए भवन के परिसर में सुबह करीब 7 बजे हवन होगा। वहीं तमिलनाडु के आधीनमों (महंतो) द्वारा प्रधानमंत्री को सेंगोल सौंपा जाएगा। इसके लिए वहां से 20 आधीनम विशेष तौर पर आमंत्रित किए गए हैं। इस सेंगोल को नए संसद भवन में अध्यक्ष के आसन के पास स्थापित किया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश समेत विभिन्न गणमान्य लोगों की उपस्थिति में दोपहर से नए भवन के उद्घाटन का औपचारिक कार्यक्रम प्रारंभ होगा। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिह, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष शिवराज पाटिल, कांग्रेस अध्यक्ष एवं राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और विपक्ष के अन्य नेताओं को भी न्योता दिया गया है।
Posted By: Arvind Dubey
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