संजय कुमार, रांची
बदलते समय के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने स्वयंसेवकों के पूर्ण गणवेश में हाफपैंट की जगह फुलपैंट लाने के बाद अब कपड़े के काले रंग के जूते भी पहनने की अनुमति दे दी है। साथ ही जाड़े में होनेवाले कार्यक्रमों में स्वयंसेवक अब स्वेटर भी पहन सकेंगे। इसका रंग फुलपैंट की तरह ग्रे होगा।
झारखंड के सह प्रांत प्रचारक रविशंकरजी ने कहा कि यह पूर्ण गणवेश का हिस्सा नहीं होगा। कार्यक्रमों में स्वयंसेवक ठंड से बचने के लिए अलग-अलग उपाय करते थे। उसे देखते हुए ऐसा निर्णय लिया गया है।
हाफपैंट की जगह फुलपैंट होने एवं मोजे का रंग बदलने के बाद संघ का प्रयास है कि विजयादशमी तक सभी स्वयंसेवकों का गणवेश तैयार हो जाए।
विजयादशमी उत्सव में स्वयंसेवक पूर्ण गणवेश में फुलपैंट में नजर आएंगे। यह तैयारी पूरे देश में जोरों से चल रही है। प्रारंभिक चरण में सभी प्रांतों में 10-10 हजार फुलपैंट उपलब्ध कराई गई थी। कहीं-कहीं मांग के अनुरूप अतिरिक्त फुलपैंट उपलब्ध कराई जाएगी, इसकी तैयारी चल रही है। एक फुलपैंट की कीमत 270 से 280 रुपए के बीच है। साथ ही मोजे भी दिए जा रहे हैं, जिसकी कीमत 20 रुपये है।
हाफपैंट का युग खत्म नहीं
स्वयंसेवकों के गणवेश में परिवर्तन होने के बाद चर्चा है कि अब खाकी रंग की हाफ पैंट में स्वयंसेवक नजर नहीं आएंगे। इस संबंध में झारखंड के सह प्रांत प्रचारक रविशंकरजी ने कहा कि शाखा में योग, व्यायाम या खेल में किसी तरह की असुविधा न हो, इसलिए ऐसे वेश में स्वयंसेवक आ सकते हैं।
प्रतिदिन की शाखा में हाफ पैंट अब भी चलेगी। जिन कार्यक्रमों में पूर्ण गणवेश में आना अनिवार्य है, उनमें हाफ पैंट नहीं चलेगी। विजयादशमी उत्सव, वर्ष प्रतिपदा (नववर्ष) उत्सव और किसी विशेष मौके पर आयोजित पथ संचलन आदि में फुलपैंट पहनना अनिवार्य होगा। पूर्ण गणवेश में उजली शर्ट, ग्रे फुलपैंट, काले जूते, काली टोपी, कैन्वास का बेल्ट, ग्रे मोजे एवं दंड शामिल हैं।