
डिजिटल डेस्क। अमेरिका में बैठकर भारत विरोधी गतिविधियों को हवा देने वाले कश्मीरी मूल के गुलाम नबी फई पर कानून का शिकंजा कस गया है। जम्मू-कश्मीर के बडगाम जिले की विशेष एनआईए (NIA) अदालत ने यूएपीए के तहत कार्रवाई करते हुए फई की संपत्ति कुर्क करने का कड़ा फैसला सुनाया है।
अदालत का फैसला और संपत्तियां
डॉ. गुलाम नबी फई को बडगाम कोर्ट ने पहले ही भगोड़ा घोषित किया था। हालिया आदेश में अदालत ने बडगाम के उपायुक्त को उसकी अचल संपत्ति जब्त करने का निर्देश दिया है। इसमें वडवान गांव की 1 कनाल 2 मरला और चट्टाबुग गांव की 11 मरला जमीन शामिल है। कोर्ट ने यह कदम तब उठाया जब अप्रैल 2025 में जारी उद्घोषणा के बावजूद आरोपी 30 दिनों के भीतर पेश नहीं हुआ।
कौन है गुलाम नबी फई और क्या है ISI कनेक्शन?
सैयद गुलाम नबी फई एक अमेरिकी नागरिक और जमात-ए-इस्लामी का कार्यकर्ता है। उसने वॉशिंगटन में 'कश्मीरी अमेरिकन काउंसिल' (KAC) की स्थापना की थी, जिसे अमेरिकी जांच एजेंसी FBI और भारतीय एजेंसियां पाकिस्तान की ISI का मुखौटा मानती हैं। साल 2011 में उसे FBI ने गिरफ्तार किया था, तब यह खुलासा हुआ था कि वह कश्मीर मुद्दे पर अमेरिकी सांसदों को प्रभावित करने के लिए करीब 3.5 मिलियन डॉलर का फंड पाकिस्तान से प्राप्त कर रहा था।
आतंकी संगठनों से सांठगांठ
फई पर यूएपीए की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज है। जांच एजेंसियों के अनुसार, उसके संबंध प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी और हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन से रहे हैं। 1990 में अमेरिकी नागरिकता मिलने के बाद उसने भारतीय नागरिकता छोड़ दी थी और तब से पाकिस्तानी सेना व ISI से संबंधों के कारण उसे भारत का वीजा नहीं दिया जाता है।