No Plaster-of-Paris Idols: दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने शुक्रवार को गणेश उत्सव, दुर्गा पूजा और आने वाले अन्य त्योहारों के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए। समिति ने मूर्ति निर्माताओं और विक्रेताओं को मूर्तियों के निर्माण के लिए प्राकृतिक मिट्टी (क्ले) और बायोडिग्रेडेबल सामग्री का उपयोग करने का निर्देश दिया है। अधिकारियों के मुताबिक, पीओपी (प्लास्टर ऑफ पेरिस) से बनी मूर्तियों की घाटों और तालाबों में विसर्जन की अनुमति नहीं दी जाएगी। ऐसी मूर्तियों के विसर्जन के लिए स्थान निर्धारित किए जाएंगे।
शुक्रवार को हुई Delhi Pollution Control समिति की बैठक के बाद कहा गया, 'यमुना नदी के तट पर मूर्तियों के विसर्जन के दौरान दिशा-निर्देशों का पालन अनिवार्य होगा। जहां तक संभव हो मूर्तियों को पानी की बाल्टी या कृत्रिम तालाबों में विसर्जित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। साथ ही पूजा सामग्री को अलग से एकत्र किया जाएगा।' बता दें, यमुना में मूर्ति विसर्जन को लेकर पहले ही प्रतिबंध लगाया जा चुका है। इसका उल्लंघन करने वालों पर 50 हजार तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
गणेश चतुर्थी दस दिनों तक चलने वाला त्योहार है जो 31 अगस्त को शुरू हुआ है और 9 सितंबर को गणेश विसर्जन होगा। आमतौर पर जल निकायों में विसर्जन किया जाता है। इससे हर साल भारी प्रदूषण भी फैलता है। यही कारण है कि प्रदूषण नियंत्रण केंद्रों को गाइडलाइन जारी करना पड़ रही है।
गणेश चतुर्थी के बाद नवरात्र में जगह-जगह देवी की प्रतिमाओं की स्थापना की जाएगी और फिर इनका विसर्जन होगा। इस साल दुर्गा पूजा समारोह 25 सितंबर से 1 अक्टूबर तक मनाया जाएगा। 10 दिवसीय त्यौहार देवी दुर्गा की पूजा का प्रतीक है। यही गाइडलाइन दुर्गा पूजा के लिए भी जारी रहेगी।