प्रेम शर्मा, मोगा। राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर कई गोल्ड और सिल्वर मेडल जीतने के अलावा सलमान खान की ब्लॉकबस्टर फिल्म "सुल्तान" में कुश्ती में दम दिखाने वाले खिलाड़ी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। कस्बा निहाल सिह वाला के धूड़कोट रणसीह गांव में बाबा शेख फरीद कुश्ती अखाड़ा पंजाब का एक मात्र अखाड़ा है, जहां लड़कियां भी प्रशिक्षण लेती हैं।
पांच साल पहले शुरू हुए इस अखाड़े से निकलीं खिलाड़ी पंजाब की स्टेट टीम में खेलती हैं। यहां इस समय अंडर-16 तक के लगभग 90 खिलाड़ी प्रशिक्षण ले रहे हैं। इनमें 70 लड़कियां व 20 लड़के शामिल हैं। करीब डेढ़ साल पहले पंजाब सरकार ने अंडर-16 स्टेट लेवल व नेशनल लेवल के खिलाड़ियों के खाने के लिए दी जाने वाली राशि बंद कर दी थी। करीब 6 माह पहले इस अखाड़े को दिया गया पंजाब पुलिस का कोच भी सरकार ने हटा दिया। यहां की लड़कियां हरियाणा की कुश्ती टीम को कड़ी टक्कर देती रही हैं।
खेत में काम, कोई चला रहा दुकान
यहां प्रशिक्षण लेने वाले खिलाड़ियों में ज्यादातर दलित समुदाय से हैं। उनके माता-पिता मेहनत-मजदूरी करते है। खिलाड़ी भी धान की रोपाई, गेहूं कटाई समेत खेती के अन्य कामों में परिवार का हाथ बंटाते हैं। खिलाड़ियों को आर्थिक मदद न मिलने के कारण कुछ खेतों में खेतों में काम करने को मजबूर हैं, तो कुछ चाय आदि की दुकान चला रहे हैं।
राष्ट्रीय स्तर पर मनवाया लोहा
इस अखाड़े के अधिकतर बच्चे राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर खेल चुके हैं। इनमें कई गोल्ड व सिल्वर मेडलिस्ट भी हैं। पिछले वर्ष महाराष्ट्र में नेशनल लेवल के अंडर-16 के मुकाबलों में इस अखाड़े की हरवंत कौर ने दूसरा स्थान हासिल किया था, जबकि रूपिदर कौर का प्रदर्शन सराहनीय रहा था।
"सुल्तान" में दिखी प्रतिभा
इस अखाड़े के कुछ खिलाड़ियों हरप्रीत, प्रदीप, सिमरनजीत, सिमरनप्रीत व किरणदीप को फिल्म "सुल्तान" में भी काम करने का मौका मिल चुका है। आमिर खान की आने वाली फिल्म "दंगल" व अक्षय कुमार की "रुस्तम" में भी यहां के खिलाड़ियों ने अभिनय किया है।
समाजसेवी डॉक्टर उठा रहे 50 हजार का खर्च
सरकार ने भले ही इसकी सुविधाएं बंद कर दी हैं, लेकिन निहाल सिह वाला के समाजसेवी डॉ. हरगुरप्रताप सिह खिलाड़ियों की खुराक व प्रशिक्षण का पूरा खर्च उठाते हैं। वह अखाड़े के प्रधान हैं। वह इसे बिखरने से बचाने में जुटे हैं। वह सहयोगियों की मदद से प्रति माह 50 हजार रुपये का खर्च उठाते हैं। इसमें खिलाड़ियों का खाना, ड्रेस, मेडिकल, ट्रांसपोर्ट आदि का खर्च शामिल है।
पुलिस ने वापस लिया कोच
मोगा की जिला खेल अधिकारी सरोज बाला धीमान का कहना है कि खेल विभाग की ओर से अकादमियों व खेल विग को सुविधाएं दी जाती हैं। खेल विभाग के पास जो कोच थे, वह पुलिस से भेजे गए थे। पुलिस ने उन्हें वापस बुला लिया। इसी तरह एक बास्केटबॉल कोच भी वापस चला गया। सरकार नई नियुक्ति करेगी, तो कोच तैनात किया जाएगा। डाइट मनी बंद करने की जानकारी नहीं है।
कितनी डाइट मनी देती है सरकार
रेजीडेंशियल स्कीम के तहत 200 रुपये डाइट मनी प्रतिदिन प्रति खिलाड़ी दी जाती है। डे स्कॉलर में इस वर्ष 50 रुपये दिए जाते हैं। पिछले वर्ष 100 रुपये थे।