राजीव गांधी हत्याकांड में दोषी नलिनी को 1 माह की पैरोल, लेकिन अधर में लटकी है जेल से रिहाई
गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 21 मई, 1991 को चेन्नई के पास श्रीपेरंबदूर में एक चुनावी रैली के दौरान एक महिला आत्मघाती
By Sandeep Chourey
Edited By: Sandeep Chourey
Publish Date: Fri, 24 Dec 2021 08:23:22 AM (IST)
Updated Date: Fri, 24 Dec 2021 08:24:05 AM (IST)

Rajiv Gandhi assassination । तमिलनाडु सरकार ने राजीव गांधी हत्याकांड में उम्रकैद की सजा पाए 7 दोषियों में से एक नलिनी श्रीहरन को एक महीने की पैरोल दी है। तमिलनाडु सरकार ने मद्रास होईकोर्ट को इस संबंध में जानकारी दी है। तमिलनाडु सरकार के वकील हसन मोहम्मद ने नलिनी की मां एस पद्मा की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति पीएन प्रकाश और न्यायमूर्ति आर हेमलता की खंडपीठ को यह जानकारी दी। याचिका में नलिनी की मां पद्मा ने कहा था कि उन्हें कई बीमारियां हैं और वह चाहती हैं कि उनकी बेटी उनके साथ रहे। उन्होंने कहा कि इस संबंध में तमिलनाडु सरकार को 1 महीने के लिए पैरोल के लिए कई आवेदन दिए, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। एक माह की पैरोल 25 या 26 दिसंबर से शुरू होगी।
नलिनी ने लगाई है वेल्लोर जेल में रिहा करने की याचिका
नलिनी की एक अन्य याचिका अदालत में लंबित है, जिसमें उन्हें वेल्लोर सेंट्रल जेल से रिहा करने की मांग की गई है, जहां वह 3 दशकों से अधिक समय से बंद है। नलिनी को एक निचली कोर्ट 1998 में मौत की सजा सुनाई थी, जिसे 2000 में आजीवन कारावास में बदल दिया गया था।
1991 में हुई थी राजीव गांधी की हत्या
गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 21 मई, 1991 को चेन्नई के पास श्रीपेरंबदूर में एक चुनावी रैली के दौरान एक महिला आत्मघाती हमलावर ने हत्या कर दी थी। इस मामले में 7 लोग मुरुगन, संथान, पेरारीवलन, जयकुमार, रॉबर्ट पायस, रविचंद्रन और नलिनी को आजीवन कारावास की सजा मिली थी। साल 2018 में तत्कालीन अन्नाद्रमुक सरकार के दौरान तमिलनाडु विधानसभा ने सर्वसम्मति से सभी 7 दोषियों को रिहा करने का प्रस्ताव पारित किया था और राज्यपाल के पास यह प्रस्ताव भेजा था, लेकिन 2 साल तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसी साल जनवरी में सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए देरी पर दुख जताया था। तब राज्यपाल ने कहा था कि प्रस्ताव पर फैसला लेने का अधिकार राष्ट्रपति के पास है।
मुख्यमंत्री स्टालिन ने भी राष्ट्रपति को लिखा था खत
इसके बाद मई में सरकार बनने के बाद तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन इस मामले में सक्रिय हुए थे। हाल ही गुरुवार को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को पत्र लिखकर राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2018 में की गई सिफारिश को स्वीकार करने और 7 दोषियों को रिहा करने का अनुरोध किया। स्टालिन ने 19 मई को लिखे एक पत्र में कहा कि दोषी "लगभग 3 दशकों से कारावास" भुगत रहे हैं और राज्य सरकार उनकी जल्द रिहाई की मांग कर रहा है। स्टालिन ने अपने पत्र में कहा है कि राज्य के अधिकांश राजनीतिक दलल दोषियों की बची हुई सजा को माफ करने और उनकी तत्काल रिहाई की मांग कर रहे हैं। तमिलनाडु की दोनों प्रमुख पार्टियां डीएमके और अन्नाद्रमुक दोषियों को रिहा करने के पक्ष में हैं।