डिजिटल डेस्क। ऑनलाइन गेमिंग का समाज पर प्रभाव लगातार बढ़ रहा है। इसको ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग प्रोत्साहन और विनियमन विधेयक 2025 सदन में पेश किया। यह बिल लोकसभा व राज्यसभा दोनों में पास हो गया है। इस विधेयक का उद्देश्य ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन सोशल गेम्स को बढ़ावा देना है। उसके साथ ऑनलाइन मनी गेम्स पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया है।
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में कहा कि सरकार का लक्ष्य समाज के हित को ध्यान में रखना है। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन गेमिंग को तीन भागों में बांटा है। पहला ई-स्पोर्ट्स, जो रणनीतिक सोच, टीम वर्क को बढ़ावा देता है। दूसरा हिस्सा सोशल गेम्स जैसे सॉलिटेयर, चेस, सुडोकू का है। यह गेम्स मनोरंजन के साथ-साथ दिमाग भी तेज करते हैं।
मंत्री ने कहा कि तीसरा हिस्सा यानी ऑनलाइन मनी गेम्स समाज के लिए चिंता का विषय बन चुके हैं। इनसे कई परिवार बर्बाद हुए। कई लोगों ने आत्महत्या तक कर ली। उन्होंने बताया कि इन गेम्स में उपयोग होने वाले एल्गोरिद्म पारदर्शी नहीं होते हैं। खिलाड़ी को यह तक पता नहीं चलता कि सामने कौन खेल रहा है। इसके चलते लोग अपनी मेहनत की कमाई गंवा देते हैं।
विधेयक का असर ऑनलाइन गेमिंग उद्योग पर भी देखने को मिलेगा। एक रिपोर्ट के अनुसार इस कानून के चलते करीब 4 लाख कर्मचारी प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हो सकते हैं। वेंचर कैपिटल फर्म लुमिकाई का अनुमान है कि भारतीय ऑनलाइन गेमिंग बाजार 2029 तक 3.6 अरब डॉलर का हो जाएगा।
इस विधेयक से ड्रीम11 (8 अरब डॉलर मूल्य), मोबाइल प्रीमियर लीग (2.5 अरब डॉलर मूल्य), My11Circle, Howzat, WinZO, Games24x7, Junglee Games, PokerBaazi और GamesKraft जैसे बड़े ऐप्स को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। इनमें से कई ऐप्स फैंटेसी क्रिकेट और ऑनलाइन रम्मी जैसे मनी गेम्स पर आधारित हैं।