नईदुनिया: नरेंद्र दामोदरदास मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को गुजरात के मेहसाणा जिले के छोटे से कस्बे वडनगर में एक साधारण चाय बेचने वाले परिवार में हुआ। दामोदरदास मूलचंद मोदी और हीराबेन मोदी के छह बच्चों में तीसरे नंबर के नरेंद्र बचपन से ही मेहनती थे। पिता की चाय की दुकान पर रेलवे स्टेशन पर चाय बेचते हुए उन्होंने गरीबी और कष्ट के दिन देखे।
स्कूल में औसत छात्र होने के बावजूद, वे वाद-विवाद में माहिर थे। 1960 के दशक में वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े, जहां लक्ष्मणराव इनामदार जैसे मार्गदर्शकों ने उन्हें राजनीतिक दिशा दी। किशोरावस्था में ही वे बाल स्वयंसेवक बने और 1970 के दशक में पूर्णकालिक प्रचारक के रूप में काम करने लगे।
नरेंद्र मोदी की शिक्षा भी संघर्षपूर्ण रही। उन्होंने गुजरात बोर्ड से 1967 में SSC पूरा किया, फिर 1978 में दिल्ली विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में BA और 1983 में गुजरात विश्वविद्यालय से MA किया। 1968 में हिंदू परंपरा के अनुसार जशोदाबेन चिमनलाल से विवाह हुआ, लेकिन वे अलग रहे। 1965 के भारत-पाक युद्ध और 1967 के गुजरात बाढ़ में उन्होंने स्वयंसेवा की, जो उनके सेवा भाव को दर्शाता है।
राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1980 के दशक में हुई जब वे भारतीय जनता पार्टी (BJP) के गुजरात इकाई के संस्थापकों में शामिल हुए। 1987 में भाजपा में औपचारिक रूप से शामिल होकर वे गुजरात प्रदेश महामंत्री बने। 1990 में वे राज्य की गठबंधन सरकार में योगदान दिए और 1995 के विधानसभा चुनावों में भाजपा को पहली बार गुजरात में सत्ता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 7 अक्टूबर 2001 को वे गुजरात के मुख्यमंत्री बने।
उनके नेतृत्व में गुजरात ने आर्थिक विकास की नई ऊंचाइयां छुईं। 2002 के दंगों के बावजूद, विकास मॉडल ने उन्हें राष्ट्रीय पहचान दी। वे 2002, 2007 और 2012 के चुनावों में मुख्यमंत्री बने रहे, जहां उन्होंने 'वाइब्रेंट गुजरात' जैसे समिट आयोजित कर निवेश आकर्षित किया।
2014 के लोकसभा चुनावों में मोदी ने भाजपा को पूर्ण बहुमत दिलाया। 26 मई 2014 को वे भारत के 14वें प्रधानमंत्री बने, जो स्वतंत्र भारत में जन्मे पहले पीएम थे। 2019 और 2024 के चुनावों में भी उनकी अगुवाई में NDA ने जीत हासिल की, हालांकि 2024 में सहयोगियों पर निर्भरता बढ़ी। वाराणसी से सांसद के रूप में वे लोकसभा में सक्रिय हैं।
पीएम मोदी का खेलों से अथाह प्रेम है। खिलाड़ियों को किसी बड़े इवेंट में जाना होता है तो उससे पहले पीएम मोदी उनसे बात करते हैं, उनका हौसला बढ़ाते हैं। इवेंट के दौरान कोई पदक जीते या फिर कोई हार जाए तब भी वो उनसे बात करने में पीछे नहीं रहते। उन्होंने खेलों को बढ़ावा देने के लिए खेलो इंडिया गेम्स की भी शुरुआत की।
पीएम मोदी की उपलब्धियां उल्लेखनीय हैं। उन्होंने 'मेक इन इंडिया' से विनिर्माण को बढ़ावा दिया, जिससे विदेशी निवेश बढ़ा। 'डिजिटल इंडिया' ने डिजिटलीकरण को गति दी, जबकि 'स्वच्छ भारत अभियान' ने सफाई जागरूकता फैलाई। 'आयुष्मान भारत' योजना से 50 करोड़ से अधिक लोगों को स्वास्थ्य बीमा मिला।
किसानों के लिए पीएम किसान सम्मान निधि ने 12 करोड़ से ज्यादा को लाभ पहुंचाया। पर्यावरण के क्षेत्र में इंटरनेशनल सोलर अलायंस की स्थापना और योग दिवस को वैश्विक मान्यता दिलाई। कोविड-19 महामारी में वैक्सीन डिप्लोमेसी से भारत ने वैश्विक छवि मजबूत की। 2024 में राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा समारोह उनके हिंदू राष्ट्रवाद के प्रतीक के रूप में हुआ। गुजरात क्रिकेट स्टेडियम का नाम नरेंद्र मोदी स्टेडियम रखा गया।
मोदी का नेतृत्व दृढ़ निर्णयों का प्रतीक है। गरीबी उन्मूलन में नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, 25 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी से बाहर आए। उनकी वैश्विक कूटनीति ने भारत को मजबूत बनाया, जैसे अमेरिका के साथ संबंधों में प्रगति। 75वें जन्मदिन पर वे विकास के नए संकल्प लेंगे। मोदी का जीवन साबित करता है कि साधारण शुरुआत से असाधारण उपलब्धियां संभव हैं।
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