Pradhan Mantri Mandhan Yojana (PMSYMY) को लेकर सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हुआ है कि इस योजना के हर खाताधारक के खाते में सरकार 3000 रुपए जमा कर रही है। यह दावा एक यूट्यूब वीडियो में किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि कोरोना महामारी के खिलाफ लोगों को राहत देने के लिए सरकार ने यह फैसला लिया है। खाते में यह राशि जमा होने के बाद खाताधारक पैसे निकल सकेंगे। बहरहाल, पीआईबी ने अपने फैक्ट चेक के जरिए इस दावे की सच्चाई जानने की कोशिश की। पीआईबी ने पाया है कि यह दावा गलत है। सरकार Pradhan Mantri Mandhan Yojana (PMSYMY) के खाताधारकों को उक्त राशि नहीं दे रही है।
पीआईबी ने अपने फैक्ट चेक के बाद ट्वीट किया, 'दावा: एक #YouTube वीडियो में यह दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार प्रधानमंत्री मानधन योजना के तहत सभी के खातों में प्रति माह 3000 रुपए की नगद राशि दे रही है। #PIBFactCheck: यह दावा फ़र्ज़ी है। केंद्र सरकार ऐसी किसी योजना के तहत प्रति माह 3000 रुपए नहीं दे रही है।'
...तो कहां से आई 3000 रुपए की राशि
सवाल उठता है कि 3000 रुपए की राशि ही बैंक में जमा करने की बात क्यों कही गई? दरअसल, इस योजना के तहत 55 रुपए जमा करने पर साठ साल की आयु के बाद जो पेंशन मिलती है, वो 3000 रुपए है। बता दें, केंद्र सरकार ने असंगठित कामगारों के बुढ़ाप की सुरक्षा और सामाजिक सुरक्षा के लिए एक स्वैच्छिक और अंशदायी पेशन योजना (Pradhan Mantri Shram Yogi Maandhan Yojana) शुरू की है। इसके तहत सदस्य को 60 वर्ष की आयु के बाद प्रतिमाह न्यूनतम 3000 रुपए सुनिश्चित पेंशन प्राप्त होगी। यदि सदस्य की मृत्यु हो जाती है तो लाभार्थी के जीवनसाथी को फैमिली पेंशन के रूप में 50 प्रतिशत राशि प्राप्त मिलती रहेगी।
इस स्कीम में 18 से 40 आयु वर्ग के असंगठित कामगार शामिल हो सकते हैं। उन्हें प्रति माह उम्र के हिसाब से 55 से 200 रुपए तक भरना होगे। 60 साल की उम्र के बाद पेंशन मिलना शुरू होगी। यह स्कीम पिछले साल फरवरी में शुरू की गई थी और इसका लक्ष्य पांच साल में 10 करोड़ लोगों को इसमें जोड़ना हैं। वैसे अभी तक 43.88 लाख लोग ही इस स्कीम से जुड़े हैं।
दावा: एक #YouTube वीडियो में यह दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार प्रधानमंत्री मानधन योजना के तहत सभी के खातों में प्रति माह 3000 रुपए की नगद राशि दे रही है।#PIBFactCheck: यह दावा फ़र्ज़ी है। केंद्र सरकार ऐसी किसी योजना के तहत प्रति माह 3000 रुपए नहीं दे रही है। pic.twitter.com/ZwcFRNfijt
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) October 5, 2020