राष्ट्रपति ने संशोधन विधेयक को दी मंजूरी, बच्चियों से दुष्कर्म पर होगी फांसी
इस कानून में 12 वर्ष से कम उम्र की बच्चियों से दुष्कर्म करने वालों के लिए मौत की सजा का प्रावधान किया गया है।
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Publish Date: Sun, 12 Aug 2018 08:33:21 PM (IST)
Updated Date: Sun, 12 Aug 2018 08:51:26 PM (IST)

नई दिल्ली। राष्ट्रपति ने आपराधिक कानून (संशोधन) विधेयक-2018 को शनिवार को मंजूरी दे दी। इस कानून में 12 वर्ष से कम उम्र की बच्चियों से दुष्कर्म करने वालों के लिए मौत की सजा का प्रावधान किया गया है। इस तरह के मामले में न्यूनतम 20 वर्ष से लेकर जीवन पर्यंत कैद तक की भी सजा हो सकती है।
संशोधित कानून कठुआ और उन्नाव की घटनाओं के बाद 21 अप्रैल को लाए गए आपराधिक कानून (संशोधन) अध्यादेश की जगह लेगा। यह कानून 21 अप्रैल 2018 से प्रभावी होगा। आपराधिक कानून (संशोधन) विधेयक 2018 को लोकसभा ने 30 जुलाई को पास किया था। जबकि राज्यसभा ने इसे पिछले सोमवार को मंजूरी दी थी।
अग्रिम जमानत का प्रावधान नहीं
नए कानून में दुष्कर्म के आरोपियों के लिए अग्रिम जमानत का कोई प्रावधान नहीं किया गया है। इसमें 16 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों के साथ दुष्कर्म के दोषियों की न्यूनतम सजा को दस से बढ़ाकर बीस वर्ष कर दिया गया है। इस मामले में अधिकतम सजा को ताउम्र कैद में भी तब्दील किया जा सकता है।
छह महीने में करना होगा केस का निस्तारण
नए कानून में दुष्कर्म के सभी मामलों की जांच को दो महीने में पूरा करना होगा। मुकदमे के ट्रायल को भी दो महीने में ही पूरा करना होगा। इस तरह के मामलों का निस्तारण हर हाल में छह महीने में करना होगा। नए कानून के तहत महिलाओं से दुष्कर्म मामले में भी दोषियों के लिए न्यूनतम सश्रम कारावास की सजा को सात से बढ़ाकर दस वर्ष कर दिया गया है।