नई दिल्ली। संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत रविवार को उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया। ऐसा देश में 126 वीं बार हुआ है। देश के 27 राज्यों और दो केंद्र शासित क्षेत्रों में राजनीतिक व अन्य कारणों से राष्ट्रपति राज लगाया जा चुका है।
पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में अब तक सबसे अधिक दस बार ऐसा हुआ, जबकि दिल्ली में एक बार। उत्तराखंड में पहली बार लागू हुआ है। जम्मू कश्मीर में संविधान के अनुच्छेद 62 के तहत गवर्नर राज लागू होता है जो सात बार लगाया जा चुका। केवल दो राज्य छत्तीसगढ़ और तेलंगाना ही ऐसे हैं, जहां इसके लागू करने की परिस्थितियां नहीं बनीं।
राज्यों का विवरण इस प्रकार है-
आंध्र प्रदेश- तीन बार
- 15 नवंबर,1954 (लागू होने की तिथि)
- 18 जनवरी 1973
- 28 फरवरी, 2014
अरुणाचल प्रदेश- दो बार
- 3 नवंबर, 1979
25 जनवरी, 2016
असम- चार बार
- 12 दिसंबर, 1979
-30 जून, 1981
19 मार्च, 1982
28 नवंबर, 1990
बिहार- आठ बार
- 29 जून, 1968
- चार जुलाई, 1969
-9 जनवरी, 1972
- 30 अप्रैल, 1977
-17 फरवरी, 1980
- 28 मार्च, 1995
- 12 फरवरी, 1999
-सात मार्च, 2005
दिल्ली- एक बार
- 14 फरवरी, 2014
- गोवा- पांच बार
- 2 दिसंबर, 1966
- 27 अप्रैल, 1979
- 14 दिसंबर, 1990
- नौ फरवरी, 1999
-चार मार्च, 2005
गुजरात- पांच बार
- 12 मई, 1971
-नौ फरवरी, 1974
-12 मार्च, 1976
- 17 फरवरी, 1980
- 19 सितंबर, 1996
हरियाणा- तीन बार
- दो नवंबर, 1967
- 30 अप्रैल, 1977
- छह अप्रैल, 1991
हिमाचल प्रदेश- दो बार
- 30 अप्रैल, 1977
- 15 दिसंबर, 1992
जम्मू एवं कश्मीर- सात बार
-26 मार्च 1977
-6 मार्च, 1986
- 19 जनवरी, 1990
-18 अक्टूबर, 2002
- 11 जुलाई, 2008
-नौ जनवरी, 2015
-आठ जनवरी, 2016
झारखंड- तीन बार
-19 जनवरी, 2009
- एक जून, 2010
- 18 जनवरी, 20013
कर्नाटक- छह बार
- 19 मार्च, 1971(मैसूर नाम से)
-31 दिसंबर, 1977
- 21 अप्रैल, 1989
-10 अक्टूबर, 1990
- नौ अक्टूबर, 2007
- 20 नवंबर, 2007
केरल- पांच बार
- 23 मार्च, 1956(त्रावणकोर नाम से)
- 31 जुलाई, 1959
-10 सितंबर, 1964
- एक अगस्त, 1970
- एक दिसंबर, 1979
मध्य प्रदेश- चार बार
- आठ अप्रैल, 1949 (विंध्य प्रदेश के नाम)
-29 अप्रैल, 1977
- 18 फरवरी, 1980
- 15 दिसंबर, 1992
महाराष्ट्र- दो बार
-17 फरवरी, 1980
-28 सिंतबर, 2014
मणिपुर- दस बार
-12 जनवरी, 1967
- 25 अक्टूबर, 1967
-17 अक्टूबर, 1969
-28 मार्च, 1973
- 16 मई, 1977
- 14 नवंबर, 1979
- 28 फरवरी, 1981
- सात जनवरी, 1992
-31 दिसंबर, 1993
-दो जून, 2001
मेघालय- दो बार
- 11 अक्टूबर, 1991
- 18 मार्च, 2009
मिजोरम- तीन बार
- 11 मई, 1977
-10 नवंबर, 1978
- सात सितंबर, 1988
नगालैंड- चार बार
- 20 मार्च, 1975
- सात अगस्त, 1988
-दो अप्रैल, 1992
- तीन जनवरी, 2008
ओडिशा- छह बार
- 25 फरवरी, 1961
- 11 जनवरी, 1971
-तीन मार्च, 1973
- 16 दिसंबर, 1976
- 30 अप्रैल, 1977
- 17 फरवरी, 1980
पंजाब- नौ बार
- 20 जून, 1951
- -पांच मार्च, 1953 (पेप्सू नाम से)
-पांच जुलाई, 1966
-23 अगस्त, 1968
- 14 जून, 1971
-30 अप्रैल, 19717
-17 फरवरी, 1980
-10 अक्टूबर, 1983
-11 जून, 1987
पांडिचेरी (पुडुचेरी)- छह बार
-18 सितंबर, 1968
- तीन जनवरी, 1974
-28 मार्च, 1974
- 12 नवंबर, 1978
- 24 जून, 1983
- चार मार्च, 1991
राजस्थान- चार बार
- 13 मार्च, 1967
-29 अप्रैल,1977
- 16 फरवरी, 1980
- 15 दिसंबर, 1992
सिक्किम- दो बार
- 18 अगस्त, 1978
- 25 मई, 1984
तमिलनाडु- चार बार
- 31 जनवरी, 1976
- 17 फरवरी, 1980
- 30 जनवरी, 1988
- 30 जनवरी, 1991
त्रिपुरा- तीन बार
- एक नवंबर, 1971
-पांच नवंबर, 1977
11 मार्च, 1993
उत्तर प्रदेश- नौ बार
- 25 फरवरी, 1968
- एक अक्टूबर, 1970
- 13 जून, 1973
-30 नवंबर, 1975
- 30 अप्रैल, 1977
- 17 फरवरी, 1980
- छह दिसंबर, 1992
- 18 अक्टूबर, 1995
- आठ मार्च, 2002
पश्चिम बंगाल- चार बार
- एक जुलाई, 1962
- 20 फरवरी, 1968
- 19 मार्च, 1970
-28 जून, 1971
जम्मू कश्मीर में सबसे लंबा राज
सबसे लंबी अवधि का राज्यपाल शासन जम्मू कश्मीर में छह वर्ष, 264 दिन (19 जनवरी, 1990 से नौ अक्टूबर, 1996) का रहा। पंजाब में चार वर्ष, 259 दिन तक राष्ट्रपति राज (11 जून, 1987 से 25 फरवरी, 1992) लागू हुआ था। राष्ट्रपति शासन की सबसे कम अवधि पश्चिम बंगाल(एक जुलाई से आठ जुलाई, 1962) व कर्नाटक (दस अक्टूबर से 17 अक्टूबर, 1990) में सात- सात दिन की रही।