Rajasthan: पेयजल संकट से त्रस्त पाली मारवाड़ तक संचालित वाटर ट्रेन ने शनिवार को अपने 200 फेरे पूरे कर लिए। सूत्रों की मानें, तो जोधपुर रेल मंडल के भगत की कोठी रेलवे स्टेशन से वॉटर ट्रेन के 200 फेरों से आठ हजार वैगन के जरिए अब तक 43.20 करोड़ लीटर पानी भिजवाया जा चुका है, जिससे वैगन किराया के रूप में रेलवे को करीब 6.50 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है। इसकी जानकारी देश के पहले बहुभाषी माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म कू ऐप के माध्यम से दी गई है। मिनिस्ट्री ऑफ रेलवेज़ ने अपने आधिकारिक हैंडल के माध्यम से कू करते हुए कहा है:
राजस्थान के पाली में जल संकट पर अंकुश लगाते हुए भारतीय रेलवे ने भगत की कोठी (जोधपुर) स्टेशन से पाली तक 200 फेरे पूरे कर 8000 वैगनों के माध्यम से 43 करोड़ 20 लाख लीटर पानी पहुँचाया है।
इसके साथ ही प्रसार भारती न्यूज़ ने भी इसे कवर करते हुए कहा है:
राजस्थान: रेलवे वाटर ट्रेन ने भगत की कोठी (जोधपुर) स्टेशन से पाली तक अब तक 200 फेरे पूरे कर लिए हैं। इस ट्रेन के माध्यम से भारी जल संकट से जूझ रहे पाली को 8000 वैगनों के माध्यम से 43 करोड़ 20 लाख लीटर पानी पहुँचाया गया है।
Koo AppRajasthan: Railway water train has completed 200 trips from Bhagat Ki Kothi (Jodhpur) station to Pali so far Through this train 43 crore 20 lakh litres of water has been transported through 8000 wagons to Pali, which is facing heavy water crisis. @RailMinIndia @ashwinivaishnaw- Prasar Bharati News Services (@pbns_india) 3 July 2022
राजस्थान का पाली जिला पिछले कई दशकों से पानी की समस्या से जूझ रहा है। पाली में जलस्तर काफी नीचे है। कई क्षेत्रों में पानी बिल्कुल खत्म हो गया है। पाली जिले में पानी के संकट को देखते हुए ही वाटर स्पेशल ट्रेन का संचालन किया गया। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की पहल पर रेलवे बोर्ड द्वारा वाटर स्पेशल ट्रेन को मंजूरी दी गई। पेयजल की किल्लत वाले क्षेत्रों के लिए पानी पहुँचाने का सराहनीय कार्य किया गया है। पानी की समस्या खत्म होने तक इसी तरह वाटर स्पेशल ट्रेन चलाई जाएगी।
17 अप्रैल को शुरू हुई थी वाटर ट्रेन
पाली में गहराए जलसंकट के चलते जोधपुर से वाटर ट्रेन 17 अप्रैल को शुरू की गई थी। अब तक 200 फेरे पूरे हो चुके हैं। पानी की समस्या खत्म होने तक इसी तरह वाटर स्पेशल ट्रेन चलाई जाएगी। यह वाटर ट्रेन उत्तर-पश्चिम रेलवे के जोधपुर मंडल के उपनगरीय भगत की कोठी रेलवे स्टेशन से भर कर भेजी जा रही है।
कुछ ऐसा है गणित
पहले भी पहुँचाया गया पानी
राज्य सरकार ने पाली जिले में पानी की किल्लत को देखते हुए रेलवे से ट्रेन की माँग की थी। रेलवे ने छुट्टियों के दिनों में भी रात-दिन काम करके ऑयल टैंक की सफाई की और उसे वाटर ट्रेन में तब्दील कर दिया। दूसरी तरफ, पीएचईडी विभाग के अधिकारियों तथा कर्मचारियों ने टीम लगाकर पानी की सप्लाई सहित ट्रेन के वैगन में पानी भरने को लेकर तमाम सुविधाएँ मुहैया कराईं।
बता दें कि 30 साल पहले पाली के जवाई बांध से नहर के जरिए जोधपुर तक पानी लाया जा रहा था। 20 साल में पहली बार इतने लंबे समय तक वाटर ट्रेन चलाई जाएगी। इसके लिए राज्य सरकार ने अलग से बजट की भी घोषणा की है। करीब तीन महीने तक चलने वाली इस ट्रेन पर 16 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
कब-कब चली वाटर स्पेशल ट्रेन?