
नई दिल्ली। मशहूर उद्योगपति रतन टाटा (Ratan Tata)के साथ काम करना किसी भी व्यक्ति के लिए उपलब्धि हो सकती है। लेकिन कुछ ही ऐसे खुशकिस्मत लोग हैं जिन्हें साथ काम करने के लिए खुद रतन टाटा ने फोन लगाया है। मुंबई (Mumbai)के रहने वाले 27 साल के शांतनु नायडू (Shantanu Naidu) भी उनमें से ही एक हैं। जिनके साथ काम करने की खुद रतन टाटा ने इच्छा जताई है। यह कहानी खुद शांतनु ने फेसबुक पर 'Humans of Bombay' से साझा की है। शांतनु की यह कहानी जमकर वायरल हो रही है। अब तक इसे 20 हजार से ज्यादा लोग लाइक कर चुके हैं वहीं 1.7 हजार से ज्यादा यूजर्स ने इसे शेयर किया है। शांतनु बताते हैं कि रतन टाटा से उनकी मुलाकात 5 साल पहले हुई थी।
शांतनु ने रतन टाटा को लिखी थी चिट्ठी
शांतनु बताते हैं कि 5 साल पहले सड़क पर आवारा कुत्तों की मौत की घटनाओं से दुखी था। उनके लिए कुछ करने के लिए शांतनु ने कुत्तों के गले में रिफ्लेक्टर लगे हुए कॉलर्स लगाने शुरू कर दिए। इसके पीछे मकसद था कि तेज रफ्तार से आ रही गाड़ियों के ड्रायवर को दूर से ही सड़क पर कुत्तों की जानकारी मिल सके। शांतनु की यह स्टोरी टाटा ग्रुप ऑफ कंपनीज के 'न्यूज लेटर' में भी छपी थी। शांतनु ने अपने पिता के कहने पर रतन टाटा को भी चिट्ठी लिखी थी।
उन्हें दो महीने बाद चिट्ठी का जवाब मिला और रतन टाटा ने उन्हें मिलने के लिए बुलाया। इसके बाद वह रतन टाटा से उनके मुंबई स्थित दफ्तर में मिले। मुलाकात के दौरान टाटा ने उनके काम की तारीफ की और उन्होंने शांतनु के फ्यूचर वेंचर में निवेश करने की भी बात की।
विदेश से लौटते ही आया रतन टाटा का फोन
शांतनु अपनी स्टोरी में बताते हैं कि मैं जैसे ही अपनी मास्टर्स डिग्री पूरी कर भारत लौटा तो मुझे रतन टाटा का फोन आया। उन्होंने मुझसे कहा कि 'मुझे ऑफिस में बहुत सारा काम करवाना है। क्या तुम मेरे असिस्टेंट बनोगे?' शांतनु को शुरुआत में सब सपने जैसा लगा और इस फोन पर उन्हें यकीन नहीं हुआ लेकिन उसके बाद वह 18 महीने से रतन टाटा के ट्रस्ट के लिए काम कर रहे हैं।