RSS Chief Mohan Bhagwat: ‘पड़ोसी बुराई पर उतर आए, तो राजा का कर्तव्य प्रजा की रक्षा करना’... संघ प्रमुख ने दिया संकेत, पाकिस्तान के खिलाफ होने वाला है बड़ा एक्शन
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख (RSS Chief Mohan Bhagwat) डॉ. मोहन भागवत ने बीती रात राजधानी दिल्ली में वर्ल्ड हिंदू कांग्रेस के प्रवर्तक स्वामी विज्ञानानंद की पुस्तक द हिंदू मेनिफेस्टो का विमोचन किया। इस पर मौके पर मोहन भागवत ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद सरकार को दोषियों के खिलाफ एक्शन लेना चाहिए।
Publish Date: Sun, 27 Apr 2025 08:35:54 AM (IST)
Updated Date: Sun, 27 Apr 2025 09:52:29 AM (IST)
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत (फाइल फोटो)HighLights
- 22 अप्रैल को पहलगाम में हुआ था आतंकी हमला
- 2 विदेशी नागरिकों सहित 26 लोगों की हुई थी मौत
- आतंकियों ने मुसलमानों को छोड़ा, हिंदुओं को मारा
ब्यूरो, नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले के बाद देशभर में गुस्सा है और पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आतंकियों और उनके आकाओं को कल्पना से बड़ी सजा देने की बात कह चुके हैं।
ताजा खबर यह है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने भी संकेत दिए हैं कि सरकार इस बार कुछ बड़ा करने जा रही है। नई दिल्ली में एक पुस्तक के विमोचन के बाद मोहन भागवत ने कहा- आतताइयों से मार न खाना तथा गुंडागर्दी करने वालों को सबक सिखाना भी धर्म है।
बकौल संघ प्रमुख- हम कभी भी अपने पड़ोसियों का अपमान या हानि नहीं करते। बावजूद इसके अगर कोई बुराई पर उतर आए, तो राजा का कर्तव्य है प्रजा की रक्षा करना और राजा यह करेगा।
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अर्जुन के सामने भी थे ऐसे लोग जिनका दूसरा इलाज नहीं था
- मोहन भागवत ने कहा कि गीता का उपदेश इसलिए है कि अर्जुन लड़ें भी और शत्रु को मारें भी, क्योंकि उनके सामने ऐसे लोग थे, जिनका दूसरा इलाज नहीं था। यह संतुलन रखने वाली भूमिका है, जिसे पाश्चात्य तरीके से नहीं समझा जा सकता है।
- मोहन भागवत शनिवार को प्रधानमंत्री संग्रहालय में वर्ल्ड हिंदू कांग्रेस के प्रवर्तक स्वामी विज्ञानानंद की पुस्तक द हिंदू मेनिफेस्टो के विमोचन समारोह को संबोधित कर रहे थे।
- समारोह में पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वाले पर्यटकों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। उसके बाद भागवत ने कहा कि अहिंसा ही हमारा स्वभाव और मूल्य है, लेकिन हमारी अहिंसा लोगों को बदलने और अहिंसक बनाने के लिए है।
कुछ लोग तो हमारा उदाहरण लेकर बन जाएंगे, लेकिन कुछ लोग नहीं बनेंगे। वह इतने बिगड़े रहेंगे कि उपद्रव करेंगे। तो उसके लिए क्या करना है? जैसे कि रावण के मामले में हुआ।
जब यह सिद्ध हुआ कि रावण शिव भक्त, वेदों का ज्ञाता व उत्तम सरकार चलाने वाला है। अच्छा आदमी बनने के लिए जो-जो चाहिए, वह सब है। लेकिन उसने जिस शरीर, मन और बुद्धि को स्वीकार किया, वो ऐसा है जो अच्छाई को आने नहीं दे रहा है।
तो उसको अच्छा बनना है, तो एक ही उपाय है कि उसके शरीर, मन, बुद्धि को समाप्त कर उसे दूसरे शरीर, मन और बुद्धि में लेकर आया जाए। भगवान ने उसका यह सम्मान किया। उसे हिंसा नहीं अहिंसा कहते हैं। ![naidunia_image]()
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हिंदू समाज को हिंदू धर्म समझने की जरूरत: संघ प्रमुख
संघ प्रमुख ने आगे कहा कि हिंदू समाज को हिंदू धर्म समझने की आवश्यकता है। हम विश्व को ज्ञान देने वाले हैं। ऐसा आश्वस्त होकर हमने हजार-पंद्रह सौ साल तक भाष्य की उपेक्षा की, जिसके चलते अज्ञानता में जातिवाद समेत तमाम बुराइयों को सुविधा व स्वार्थ अनुसार वेदों का उल्लेख कर बचाव करने लग गए।
उन्होंने पुस्तक को भारत सहित पूरे विश्व को काल सुसंगत जीवन आचरण मार्ग रखने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताते हुए कहा कि दुनियाभर के चिंतक कह रहे हैं कि भारत से उन्हें जीवन जीने का संतुलन वाला नया रास्ता चाहिए। विश्व में 2000 वर्ष से आस्तिक, नास्तिक, जड़वादी जैसे तमाम असफल प्रयोग हुए। जिससे सुविधाएं तो मिलीं, भौतिक सुख सुविधा बढ़ी, लेकिन दुख भी बढ़ा।