डिजिटल डेस्क। अक्टूबर महीने की शुरुआत के साथ ही आम लोगों के जीवन से जुड़े कई महत्वपूर्ण वित्तीय और गैर-वित्तीय बदलाव किए गए हैं। इनमें यूपीआई लेन-देन से लेकर रेलवे टिकट बुकिंग, बैंकिंग सेवाओं, पेंशन निवेश, ऑनलाइन गेमिंग और डाक सेवाओं हैं। इन नियमों का सीधा असर उपभोक्ताओं की जेब और जीवन पर पड़ेगा।
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने फोनपे, गूगल पे और पेटीएम जैसे प्लेटफॉर्म पर पर्सन-टू-पर्सन कलेक्ट रिक्वेस्ट (Pull Transaction) सुविधा बंद कर दी है। अब उपयोगकर्ता किसी से रिक्वेस्ट करके पैसे नहीं मांग पाएंगे। इसका उद्देश्य डिजिटल लेन-देन में सुरक्षा को मजबूत करना और ऑनलाइन धोखाधड़ी पर रोक लगाना है।
गैर-सरकारी अंशधारकों को अब मल्टीपल स्कीम फ्रेमवर्क (MSF) के तहत पेंशन राशि का 100% हिस्सा इक्विटी योजनाओं में निवेश करने की अनुमति होगी। पहले यह सीमा 75% थी। इसके साथ ही PRAN कार्ड और किट शुल्क में भी संशोधन किया गया है।
अब से रेलवे की ऑनलाइन रिजर्वेशन विंडो खुलने के पहले 15 मिनट केवल आधार सत्यापित यूजर्स के लिए ही होंगे। इस नियम का मकसद टिकट बुकिंग में पारदर्शिता लाना और दलाली पर अंकुश लगाना है।
ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र में आयु सीमा और लाइसेंसिंग संबंधी नए नियम लागू हो गए हैं। इनका उद्देश्य पारदर्शिता और जिम्मेदार गेमिंग को बढ़ावा देना है।
पीएनबी लॉकर शुल्क और नामांकन फीस बढ़ाई गई है, जिससे बैंक लॉकर रखना अब महंगा होगा। स्पीड पोस्ट सेवा भी महंगी हो गई है। साथ ही, अब इसकी डिलीवरी ओटीपी आधारित सत्यापन प्रणाली से होगी।
आरबीआई ने 4 अक्टूबर से निरंतर चेक समाशोधन सुविधा शुरू करने का ऐलान किया है। यह दो चरणों में लागू होगी और भुगतान प्रणाली को तेज बनाएगी।
त्योहारों के चलते अक्टूबर 2025 में देशभर में 21 दिन बैंक बंद रहेंगे। हालांकि, यह अवकाश राज्यों के अनुसार अलग-अलग होंगे।