
नई दिल्ली। केरल स्थित सबरीमाला मंदिर के कपाट शनिवार शाम खोल दिए गए। भक्तों ने 2 महीने बाद मंदिर में भगवान अयप्पा के दर्शन किए। (नीचे देखें तस्वीरें) आज से ही मंदिर में मंडला पूजा की शुरुआत भी की जाएगी। अयप्पा मंदिर करोड़ों हिंदुओं की आस्था का प्रतीक है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर दायर याचिका को 7 जजों की बड़ी बेंच के पास सुनवाई के लिए भेज दिया है। इस दौरान कोर्ट ने 28 सितंबर 2018 को हुए फैसले को बरकरार रखते हुए मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर रोक से इंकार किया है। बता दें कि सबरीमाला मंदिर में 10 साल से लेकर 50 साल तक की उम्र की लड़कियों एवं महिलाओं के प्रवेश पर रोक रही है। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने लंबे वक्त से चली आ रही इस धार्मिक मान्यता को गैरकानूनी और असंवैधानिक बताया था।
#WATCH Kerala: Priests open the sanctum sanctorum of the #SabarimalaTemple. pic.twitter.com/wOhQiv1ErZ
— ANI (@ANI) November 16, 2019





सबरीमाला मंदिर का यह है पूरा मामला
सबरीमाला मंदिर मामले की शुरुआत 2006 में हुई थी। मंदिर के मुख्य ज्योतिषी परप्पनगडी उन्नीकृष्णन ने कहा था कि भगवान अयप्पा अपनी ताकत खो रहे हैं और वह इस बात से नाराज हैं कि मंदिर में किसी युवती ने प्रवेश किया। इसके बाद कन्नड एक्टर प्रभाकर की पत्नी का दावा सामने आया था जिसमें उन्होंने मंदिर दर्शन के दौरान साल 1987 में गर्भगृह में भीड़ की वजह से धक्का लगने से पहुंचने की बात कही थी। इस घटनाक्रम के बाद यह बात सामने आई थी कि मंदिर में 10 से 50 साल तक की लड़कियों और महिलाओं का प्रवेश वर्जित है।
साल 2006 में ही यंग लॉयर्स एसोसिएशन ने इस प्रतिबंध के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने साल 2018 में इस पर फैसला देते हुए प्रतिबंध हटाते हुए महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी थी।
सबरीमाला मंदिर से जुड़ी यह हैं मान्यताएं
केरल स्थित सबरीमाला मंदिर में मकर संक्रांति की रात घने अंधेरे में एक ज्योति दिखाई देने की मान्यता है। इस ज्योति के दर्शन के लिए दुनियाभर से
करोड़ो श्रध्दालु हर साल यहां आते हैं। भक्तों का मानना है कि इस ज्योति को खुद भगवान जलाते हैं। इसे मकर ज्योति के नाम से भी जाना जाता है।
सबरीमाला मंदिर में 10 साल से लेकर 50 साल तक की लड़कियों और महिलाओं का आना प्रतिबंधित है। ऐसी मान्यता है कि भगवान अयप्पा ब्रह्मचारी थे। इस वजह से यहां तय उम्र की महिलाओं का प्रवेश प्रतिबंधित है।