Siddaramaiah Profile: आखिरकार काफी विचार-विमर्श के बाद कांग्रेस ने कर्नाटक का CM चुन लिया है और 75 साल के सिद्धारमैया को इसकी जिम्मेदारी सौंपी है। संभावना है कि वे 20 मई को सीएम पद की शपथ ले सकते हैं। शपथ से पहले बेंगलुरु में विधायक दल की एक बैठक भी होगी। डीके शिवकुमार को डिप्टी सीएम बनाया जाएगा और उन्हें दो बड़े मंत्रालय दिए जाएंगे।
सिद्धरमैया का जन्म मैसुरू जिले के गांव सिद्धारमनहुंडी में 12 अगस्त 1948 को हुआ। इनके पिता का नाम सिद्धाराम गौड़ा है तथा इनकी माता का नाम बोरामा गौड़ा है। इनकी पत्नी का नाम पार्वती सिद्धरमैया है। इनके दो बेटे हैं। वो कुरुबा (चरवाहा) जाति के हैं जिनके जमीनी स्तर पर प्रभावशाली वोकालिग्गा समुदाय से अच्छे ताल्लुक़ात हैं। बता दें कि देवेगौड़ा भी इसी समुदाय से हैं। सिद्धारमैया के माता-पिता चाहते थे कि वह डॉक्टर बन जाएं, लेकिन उन्होंने वकील बनने का फैसला किया। सिद्धारमैया ने मैसुरू विश्वविद्यालय से विज्ञान में स्नातक की डिग्री ली और बाद में यहीं से कानून की डिग्री हासिल की।
पेशे से एक वकील सिद्धारमैया ने,समाजवादी युवजाना सभा से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। उन्होंने 1978 तक जूनियर वकील के रूप में काम किया। सिद्धारमैया 1983 में भारतीय लोक दल के टिकट पर चामुंडेश्वरी विधानसभा सीट से जीत हासिल कर पहली बार विधानसभा पहुंचे। उन्होंने इस सीट से पांच बार जीत हासिल की और तीन बार पराजय का स्वाद चखा। एच डी देवेगौड़ा के साथ मतभेदों के बाद, 2005-06 में सिद्धारमैया को जेडी (एस) के रूप में निष्कासित कर दिया गया था। इसके बाद वो 2006 में समर्थकों के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए। वर्तमान में कांग्रेस के वह समन्वय समिति के अध्यक्ष हैं जो कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार का समन्वय करती है।
वर्ष 2004 में खंडित जनादेश के बाद कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) ने कर्नाटक में गठबंधन सरकार बनाई थी, जिसमें कांग्रेस नेता एन. धर्म सिंह मुख्यमंत्री जबकि तत्कालीन जद (एस) नेता सिद्धारमैया को उपमुख्यमंत्री बनाया गया था। वर्ष 2013 में एम. मल्लिकार्जुन खड़गे (वर्तमान में कांग्रेस अध्यक्ष) और तत्कालीन केंद्रीय श्रम मंत्री को पछाड़ते हुए सिद्धारमैया मुख्यमंत्री बने थे। करीब ढाई दशक से ‘जनता परिवार’ से जुड़े रहे सिद्धरमैया ने वर्ष 2013 से 2018 तक मुख्यमंत्री के रूप में राज्य की बागडोर संभाली और 5 वर्षों का कार्यकाल पूरा किया। वह राज्य के पहले मुख्यमंत्री थे, जिन्होंने 1977 के बाद अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा किया। 2018 में, उन्होंने अपना 13 वां राज्य बजट प्रस्तुत किया, एक रिकॉर्ड स्थापित किया।