मल्टीमीडिया डेस्क। बारिश का दौर शुरू होते ही सांप नजर आने लगते हैं। इसके साथ ही सांप काटने की घटनाएं भी सामने आने लगती हैं। सांप का काटना यानी सर्प दंत। इसके इलाज को लेकर तरह-तरह की बातें कही जाती हैं। यहां हम बताएंगे कि सांप कांटने पर क्या उपाय करना चाहिए।
कितना खतरनाक है स्नेक बाईट
कोबरा और करेंथ सांपों में न्यूरो टोक्सीक जहर पाया जाता है। यह जहर ब्रेन को डेमेज करता है। वाइपर प्रजाति के सांपो में हिमोटोक्सीक होता है। ये सीधे हार्ट को नुकसान पहुंचाता है। चौथी जहरीली प्रजाति रसल वाइपर है। भारत में वाटर सील बैग या चिकड़ स्नेक की संख्या ज्यादा है, जो जहरीले नहीं होते हैं।
सांप काटे, तो बरते ये सावधानी
सांप काटे तो उसका फोटो जरूर खींच लें
सांप काटने पर मरीज के इलाज में सबसे बड़ी परेशानी सांप की पहचान होती है। दरअसल, सांप काटने पर एन्टी स्नेक वीनम इंजेक्शन लगाया जाता है। दिक्कत यह है कि यदि सांप जहरीला नहीं हुआ तो यह दवाई नुकसान भी कर सकती है।
सांप की पहचान नहीं होने पर डॉक्टरों को लक्षणों का इंतजार करना पड़ता है। इसी वजह से कुछ लोग तो सांप को मारकर बोरे में भरकर ले जाते हैं, लेकिन ऐसा करने की जगह आप सांप का फोटो भी खींचकर डॉक्टर को दिखा सकते हैं।
अब मीलिए इन महाशय से...इनको नहीं काटते सांप, 14 साल की उम्र में ही कर ली थी सांपों से दोस्ती
यह कहानी है मध्यप्रदेश के बालाघाट के सूरज गिरी की। 58 वर्षीय सूरज गिरी को सांप नहीं काटते। ये अब तक 26 हजार सांपों को पकड़कर उन्हें नया जीवन दे चुके हैं।
सूरज को जानने वालों का मानना है कि सांप उन्हें अपना दोस्त मानते हैं और इन्हें देखते ही पास चले आते हैं। अपने अनुभव की बदौलत सूरज ने कई बार टार्च की रोशनी में जहरीले सांपों को पकड़ा है। सूरज बताते हैं कि वे सांप पकड़ने के बाद उसे जंगल में सुरक्षित छोड़ देते हैं।
स्नेक बाईट: फैक्ट फाइल