साल 2016 में बैंकॉक से खबर आई थी कि बिल्डिंग की दसवीं मंजिल पर स्थित अपने फ्लैट में शख्स जैसे ही टॉयलटे शीट पर बैठा, उसे 10 फीट लंबे पाइथन ने काट लिया। शख्स को अस्पताल ले जाया गया और फायर ब्रिगेड बुलाकर Snake को वहां से निकालना पड़ा। हाल के सालों में ऐसे और भी मामले सामने आए हैं। दुनियाभर में हर साल दर्जनों Snake टॉयलेट और बाथरूम से पकड़े जाते हैं। सवाल उठता है कि आखिर Snake इतनी ऊंचाई तक कैसे पहुंच रहे हैं? अब जानकारों ने इसका जवाब दिया है। उनका कहना है कि जंगल घटने और पानी की लगातार कमी होने के कारण Snake शहरों का रुख कर रहे हैं। ये चूहों और अन्य तरह से कीटों का पीछा करते हुए शहरों में पहुंच रहे हैं।
सांप नमी में रहना पसंद करते हैं और इसके लिए ड्रेनेज लाइन से बेहतर कुछ नहीं हो सकता। चूहों की गंध सूंघते-सूंघते ये ड्रेनेज लाइन तक पहुंच जाते हैं। यहां खूब सारे चूहे मिलते हैं। ये चूहे पाइप में चढ़ना जानते हैं, जिनका पीछा करते हुए सांप भी पाइप में घुस जाता है। एक बार पाइप में घुसने के बाद सांप के पास वापस आने का रास्ता नहीं होता। उसे पाइप की दिशा में ही आगे बढ़ते रहना होता है। ऑक्सीजन कम होती है, फिर भी सांप गंदे पानी ऊपर की ओर बढ़ता रहा है। ये पाइप टॉयलट शीट में जाकर खुलते हैं। सांप को लगता है कि उसे बाहर निकलने का रास्ता मिल गया है। यही कारण है कि वह टॉयलेट शीट में बैठ जाता है और जैसे ही मौका मिलता है, बाहर निकलने की कोशिश करता है और कई दिनों से भूखा होने और डर में होने के कारण इन्सानों को भी डस लेता है।
वहीं, सांपों के पेड़ से गिरकर छत पर आ जाने और वहां से बाथरूम या टॉयलेट में आ जाने के केस भी सामने आए हैं। ऑस्ट्रेलिया में विशालकाय खतरनाक मकड़ियां टॉयलेट के रास्ते निकल चुकी हैं। मकड़ियां तैर नहीं सकतीं, लेकिन बिना ऑक्सीजन के 13 घंटे पानी में रह सकती हैं।
रूस के पर्ल में हो चुका ऐसा
रूस के पर्ल में इससे भी अजीब केस सामने आया है। यहां एक शख्स का पालतू सांप कब्जे से निकलकर दूसरे फ्लैट में चल गया और टॉयलेट शीट में गिरकर पाइप के सहारे किसी दूसरे फ्लैट के टॉयलेट में से निकला।