नई दिल्ली। इस हफ्ते की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्विटर फॉलोअर्स को उनके साथ हैशटैग #SheInspiresUs का उपयोग कर महिलाओं को प्रेरित करने की कहानियों को साझा करने के लिए कहा था। दुनियाभर में 8 मार्च को महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है। कई लोगों ने असाधारण काम करने वाली असाधारण महिलाओं की कहानियों के साथ उनकी अपील का जवाब दिया - और इन ट्वीट्स में से एक ऐसी ही प्रेरणादायक कहानी भारतीय सेना की पहली ऑपरेशनल पैराट्रूपर कैपटन रूचि शर्मा की है।
कैप्टन रूचि शर्मा साल 1996 में सेना में शामिल हुईं और पहली महिला ऑपरेशनल पैराट्रूपर बनने की योग्यता हासिल की। पैराट्रूपर एक सैन्य पैराशूटिस्ट होते हैं, जिन्हें एक निर्धारित स्थान पर उतरने के लिए पैराशूट का उपयोग करके विमानों से कूदने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। पैराट्रूपर्स का इस्तेमाल अक्सर युद्ध के दौरान सरप्राइज अटैक (चौंकाने वाले हमलों) के लिए किया जाता है।
Sky is not the limit
Capt Ruchi Sharma, first operational paratrooper of the #IndianArmy. She still motivates women of all ages to serve the country. #WomensDay #IWD2020 #EachforEqual #SheInspiresUs pic.twitter.com/PJYVOo9FNP
— ADG (M&C) DPR (@SpokespersonMoD) March 6, 2020
कैप्टन शर्मा ने कहा कि मैं मुकाबला के लिए और व्यक्तिगत रूप से तैयार थी। मुझे लगता है कि महिलाओं को लड़ाकू हथियार उठाने का मौका दिया जाना चाहिए। मैं यह भी नहीं कह रहा हूं कि पुरुषों और महिलाओं में समान शारीरिक शक्ति है। मगर, महिलाओं के होने से अच्छा, स्वस्थ संस्थान होगा। उसकी कहानी रक्षा मंत्रालय के प्रधान प्रवक्ता के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से शेयर की गई थी।
उन्होंने लिखा था- कैप्टन रूचि शर्मा #IndianArmy की पहली ऑपरेशनल पैराट्रूपर हैं। वह अब भी सभी उम्र की महिलाओं को देश की सेवा के लिए प्रेरित करती हैं।