नई दिल्ली। विदेश मंत्री के रूप में अथक काम करते हुए सुषमा स्वराज ने जो देश सेवा की है, उसे याद करते हुए सुषमा स्वराज के जन्मदिन की पूर्व संध्या पर विदेश मंत्रालय ने प्रवासी भारतीय केंद्र का नाम बदलकर सुषमा स्वराज भवन और विदेश सेवा संस्थान का नाम बदलकर सुषमा स्वराज इंस्टिट्यूट ऑफ फॉरेन सर्विस करने की घोषणा की है।
ट्विटर पर काफी सक्रिय रहने वाली विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने हर उस शख्स की मदद की, जिसने उनसे मदद मांगी। विदेशों में भी सुषमा की लोकप्रियता काफी थी और उनकी बात को माना जाता था। बताते चलें कि 14 फरवरी को पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का जन्मदिन है। इस मौके पर पूर्व विदेश मंत्री के अमूल्य योगदान को सम्मान देने और उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए इन दोनों संस्थाओं के नाम सुषमा स्वराज के नाम पर रखने की घोषणा की गई है।
Ministry of External Affairs (MEA): In solemn tribute to the invaluable contribution of former EAM Sushma Swaraj, it has been decided to rename Pravasi Bhartiya Kendra, Delhi as Sushma Swaraj Bhawan & Foreign Service Institute, Delhi as Sushma Swaraj Institute of Foreign Service. pic.twitter.com/wOm2dHJ7UV
— ANI (@ANI) February 13, 2020
उन्हें गणतंत्र दिवस के मौके पर पद्म विभूषण सम्मान से नवाजा गया था। सुषमा स्वराज का जन्म 14 जनवरी 1952 को अंबाला कैंट में हुआ था और उनका निधन छह अगस्त 2019 को 67 वर्ष की उम्र में दिल का दौरा पड़ने की वजह से हुआ था। 2018 में ही सुषमा स्वराज ने कहा था कि वह अब चुनाव नहीं लड़ना चाहती हैं।
सुषमा स्वराज के नाम दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री और देश में किसी राजनीतिक दल की पहली महिला प्रवक्ता बनने का गौरव हासिल है। 13 जुलाई 1975 को उनकी शादी स्वराज कौशल से हुई थी, जो सुप्रीम कोर्ट में उनके साथी अधिवक्ता थे। उनके राजनीति करियर की शुरुआत 1977 में हुई थी, जब वह हरियाणा विधानसभा की सदस्य बनी थीं।