Victoria Gowri: सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास उच्च न्यायालय की अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में वकील लक्ष्मण चंद्रा विक्टोरिया गौरी की नियुक्ति के खिलाफ याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। साथ ही सर्वोच्च अदालत ने न्यायाधीश के रूप में विक्टोरिया गौरी के शपथ समारोह पर रोक लगाने से भी इनकार कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि वह कॉलेजियम को विक्टोरिया गौरी से संबंधित अपनी सिफारिश पर पुनर्विचार करने का निर्देश नहीं दे सकता है। इससे पहले सोमवार को सरकार की ओर से कॉलेजियम की सिफारिश स्वीकार करते हुए विक्टोरिया गौरी की नियुक्ति की अधिसचूना जारी होने के बाद सुप्रीम कोर्ट से मामले पर तत्काल सुनवाई की मांग की गई थी।
इस बीच, मद्रास हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार ने एक सर्कुलर जारी कर कहा था कि गौरी व चार अन्य को मंगलवार सुबह 10.35 बजे शपथ दिलाई जाएगी। विक्टोरिया गौरी की नियुक्ति की सिफारिश सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम से आई थी और सरकार ने उसे मानते हुए नियुक्ति कर दी।
क्यों हो रहा विक्टोरिया गौरी का विरोध
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 17 जनवरी को गौरी को मद्रास हाई कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश सरकार को भेजी थी। मद्रास हाई कोर्ट के तीन वरिष्ठ वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर विक्टोरिया गौरी को मद्रास हाई कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त करने का विरोध किया था।
याचिका में विक्टोरिया की पात्रता को लेकर सवाल उठाए गए थे जिसमें उनकी भाजपा से संबद्धता और पूर्व में कथित तौर पर मुस्लिम व ईसाई समुदाय के खिलाफ दिए गए बयानों को आधार बनाया गया था। याचिका मद्रास हाई कोर्ट की वरिष्ठ वकील अन्ना मैथ्यू, सुधा रामलिंगम और डी. नागासैला की ओर से दाखिल की गई थी।
Posted By: Arvind Dubey
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