नई दिल्ली। भगोड़े भारतीय बिजनेस टाइकून और अब दिवालिया हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस के संस्थापक विजय माल्या को किसी भी समय भारत में प्रत्यर्पित किया जा सकता है। उसे भारत लाने संबंधी सभी कानूनी प्रक्रिया को पूरा किया जा चुका है। यह जानकारी सरकार के शीर्ष सूत्रों ने बुधवार दी। भारत में अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ 14 मई को ब्रिटेन की शीर्ष अदालत में अपील खोने के बाद यह घटनाक्रम हुआ है।
इस घटनाक्रम से जुड़े एक एक शीर्ष प्रवर्तन विभाग के सूत्र ने बताया कि हम आने वाले दिनों में कभी भी माल्या को भारत वापस लाएंगे। हालांकि, प्रत्यर्पण की तारीख पर वह उन्होंने कुछ भी जानकारी नहीं दी। उन्होंने कहा कि यूके के सुप्रीम कोर्ट में माल्या की अपील खारिज हो गई है और हमने उनके (माल्या के) प्रत्यर्पण के लिए सभी कानूनी प्रक्रिया पूरी कर ली है। CBI और ED की टीमें पहले से ही भारत में माल्या के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया पर काम कर रही हैं।
मामले से जुड़े सीबीआई के एक सूत्र ने कहा कि माल्या के प्रत्यर्पण के बाद सबसे पहले हम उसे हिरासत में लेंगे क्योंकि उनके खिलाफ मामला दर्ज करने वाली पहली एजेंसी हम थे। उन्होंने बताया कि माल्या के प्रत्यर्पण का रास्ता 14 मई को उसी वक्त साफ हो गया था, जब माल्या केस हार गए थे। अब नरेंद्र मोदी सरकार को उन्हें अगले 28 दिनों में वापस लाना होगा। 14 मई से, यह पहले से ही 20 दिनों से अधिक हो गया है, क्योंकि ब्रिटेन की अदालत ने उनकी याचिका खारिज कर दी।
पूर्व सांसद रहे माल्या ने भारत की सबसे बड़ी स्पिरिट कंपनी यूनाइटेड स्पिरिट्स की स्थापना की, और अब दीवालिया हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस पर फंडिंग की थी। उन पर 9,000 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे हैं। वह निजी कारणों का बहाना बनाकर मार्च 2016 में भारत छोड़ कर चले गए थे। माल्या ने कम से कम 17 भारतीय बैंकों को धोखा दिया है, जो कि ऋण लेकर कथित रूप से विदेश में लगभग 40 कंपनियों में पूर्ण या आंशिक हिस्सेदारी हासिल की।