
रायबरेली। भारत में अंधविश्वास के चलते कई बार लोगों को अलग-अलग कारनामे करते देखा गया है लेकिन यूपी में एक ऐसा भी गांव है जहां बुरी शक्ति से बच्चों की जान बचाने के लिए माताएं उनके हाथों की उंगलियां खौलते तेल में जला रहीं हैं। इस गांव में डर का आलम यह है कि जिन घरों में 10 साल से कम उम्र के बच्चे हैं वो उस बुरी शक्ति के बारे में बात करने से भी कतराते हैं। इस बुरी और खतरनाक शक्ति का नाम है 'जमोगा'।
रायबरेली के महाराजगंज ब्लॉक में बसे जिह्वा गांव में रहने वाली माओं को डर है कि जमोगा उनके बच्चों की जान ले लेगा। यह अंधविश्वास गांव में इस कदर फैला हुआ है कि माएं अपने मासूम बच्चों की उंगलिया खैलते तेल में डूबा कर जला रहीं हैं। एक महिला रामदेवी के पहले 12 बच्चे किसी न किसी कारण से मर गए और तेरहवीं बेटी हुई है जिसका नाम शिवपूजन रखा है।
महिला का मानना है कि जमोगा उसकी बेटी की जान ले लेगा और इसलिए उसने अपनी बेटी की उंगली खौलते तेल में डाल दी। 6 महीने की मासूम को इस अंधविश्वास की सजा अपनी उंगली गंवा कर चुकानी पड़ी क्योंकि जब उसने मुठ्ठी नहीं खोली तो उसकी एक उंगली तेल में गल गई। उसकी मां का कहना है कि उंगली तेल में डालते वक्त उसकी बच्ची रोई नहीं जिसका मतलब उस पर जमेगा का साया था।
शिवपूजन ही नहीं बल्कि गांव में और भी कई बच्चे हैं जिनकी उंगलियों के घाव अभी तक भरे नहीं हैं। यह पूछने पर कि उन्हें कैसे पता चलता है कि उनके बच्चों पर जमोगा का साया है। महिलाएं बताती है कि बच्चों की आंखों का रंग बदलने लगता है और कभी तो वह खूब सारा दूध पीने लगता है। उनका मानना है कि डॉक्टर इसमें कुछ नहीं कर सकता। जिह्वा अकेला नहीं है बल्कि आसपास के कई गांव इस अंधविश्वास की गिरफ्त में आकर अपने बच्चों की उंगलियां खैलते तेल में डालकर जला रहे हैं।
साभार बीबीसी