डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र का आज पहला दिन था। संसद में तीन राज्यों में भाजपा की धमाकेदार जीत का असर दिखाई दे रहा था। इस बीच भाजपा नेता बाबा बालकनाथ और लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी का एक वीडियो वायरल हो गया। अधीर रंजन चौधरी ने बाबा बालकनाथ को राजस्थान का नया सीएम बता दिया। आखिर कौन हैं बाबा बालकनाथ जिनके नाम की राजस्थान से दिल्ली के राजनीतिक गलियारों में चर्चा है। आखिर क्यों बाबा बालकनाथ को राजस्थान के सीएम का सबसे प्रबल दावेदार बताया जा रहा है।
बाला बालकनाथ योगी आदित्यनाथ के शिष्य हैं। वह रोहतक पीठ के महंत हैं। दरअसल, रोहतक पीठ के महंत बाबा चांदनाथ की मौत के बाद उसके उत्तराधिकारी को लेकर संशय की स्थिति थी। ऐसे में नाथ संप्रदाय के प्रमुख योगी आदित्यनाथ ने बाबा बालकनाथ के नाम को आगे किया। भाजपा ने बाबा बालकनाथ सहित 5 धर्मगुरुओं को राजस्थान में टिकट दिया था। इनमें सबसे ज्यादा चर्चित सीट तिजारा थी। इस सीट पर बाबा बालकनाथ ताल ठोंक रहे थे। इस सीट पर बाबा बालकनाथ की मदद करने के लिए खुद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दो बार तिजारा आए। बाबा बालकनाथ के बयानों ने राजस्थान के चुनाव में ध्रुवीकरण का तड़का जमकर लगाया।
#WATCH | Winter Session of Parliament | Congress leader and LoP in Lok Sabha Adhir Ranjan Chowdhury and BJP MP Yogi Balaknath share a light moment in the Parliament premises as Adhir Ranjan Chowdhury says "Rajasthan ke naye CM ban rahe hai naa..." pic.twitter.com/G8B0TIH1xw
— ANI (@ANI) December 4, 2023
बाबा बालकनाथ को अगर भाजपा सीएम बनाती है तो उसे राजस्थान के साथ-साथ हरियाणा में भी फायदे होगा। बाबा बालकनाथ रोहतक पीठ के महंत हैं। रोहतक में नाथ संप्रदाय के बहुत से शिक्षण संस्थाएं हैं, जिनमें इंजीनियरिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज भी शामिल हैं। भाजपा हरियाणा में पिछले कई सालों से कोशिश कर रही हैं कि वह जाटों पर अपनी निर्भरता कम करें। ऐसे में बाबा बालकनाथ उनके लिए तुरुप का इक्का हैं। वह यादव जाति से आते हैं।
बाबा बालकनाथ का महंत बनने से पहले सुभाष यादव नाम था। वह यादव जाति से आते हैं। ऐसे में कांग्रेस की ओबीसी राजनीति की काट का सबसे सही जवाब बाबा बालकनाथ हो सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राहुल गांधी के जातीय जनगणना के मुद्दे पर बहुत गंभीर हैं। वह इस काट का जवाब हिंदुओं को एक कर देना चाहते हैं। बाबा बालकनाथ दोनों में ही फिट बैठते हैं। बाबा बालकनाथ हिंदुत्व के साथ-साथ ओबीसी राजनीति में भी फिट बैठते हैं।