
डिजिटल डेस्क। भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों का एक विशाल नेटवर्क है, जिनसे रोजाना करोड़ों लोग सफर करते हैं। इन सड़कों पर कार, बस और ट्रक जैसी गाड़ियों से टोल टैक्स वसूला जाता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि स्कूटर और बाइक चालकों से टोल टैक्स क्यों नहीं लिया जाता? आइए जानते हैं इसके पीछे की वजह।
जब आपका वाहन किसी राष्ट्रीय राजमार्ग या एक्सप्रेसवे पर एक निश्चित दूरी तय करता है, तो इसके रखरखाव और निर्माण की लागत वसूलने के लिए सरकार टोल टैक्स लगाती है। यह टैक्स सड़क उपयोग के बदले में लिया जाता है।
दरअसल, टोल टैक्स वाहन के आकार और सड़क पर उसके कब्जे के अनुपात में तय किया जाता है। बड़ी गाड़ियां जैसे कार, बस और ट्रक सड़क पर ज्यादा जगह घेरती हैं, जबकि स्कूटर और बाइक बहुत कम जगह लेते हैं। यही वजह है कि दोपहिया वाहनों को टोल टैक्स से छूट दी गई है।
अधिकांश दोपहिया वाहन चालक छोटी दूरी तय करते हैं और ये वाहन आमतौर पर मध्यम या निम्न आय वर्ग के लोगों के होते हैं। ऐसे में सरकार ने सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से उन्हें राहत देने के लिए टोल टैक्स से मुक्त रखा है।
हालांकि, देश में कुछ खास एक्सप्रेसवे ऐसे भी हैं जहां दोपहिया वाहनों से टोल लिया जाता है। जैसे - दिल्ली से आगरा एक्सप्रेसवे और आगरा से लखनऊ एक्सप्रेसवे पर बाइक सवारों को टोल देना पड़ता है।
इस तरह, स्कूटर और बाइक चालकों को आम तौर पर टोल टैक्स से छूट मिलती है, क्योंकि वे कम दूरी तय करते हैं और सड़क पर कम जगह घेरते हैं।