हर साल World Migratory Bird Day अक्टूबर माह के दूसरे शनिवार को मनाया जाता है। विश्व प्रवासी पक्षी दिवस पर पक्षियों के सामने आने वाले खतरों, प्रवासी पक्षियों के पारिस्थितिक महत्व और उनके संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाने पर विचार किया जाता है। इस साल 14 मई को World Migratory Bird Day मनाया गया है। पक्षियों को प्राकृतिक दुनिया का दूत भी कहा जाता है। भारत में भी हर साल दुनियाभर से कई प्रवासी पक्षी पहुंचते हैं। आइए जानते हैं भारत पहुंचने वाले कुछ प्रवासी पक्षियों के बारे में रोचक जानकारी -
साइबेरियन क्रेन
साइबेरियन क्रेन को ‘स्नो क्रेन’ के रूप में भी जाना जाता है। वे प्रवासी पक्षियों की गंभीर रूप से लुप्तप्राय प्रजातियां हैं। साथ ही वे सारस की दुनिया की तीसरी सबसे लुप्तप्राय प्रजाति हैं। साइबेरियन क्रेन की कुल आबादी 3,800 पक्षियों की अनुमानित है।
ग्रेटर फ्लेमिंगो
ग्रेटर फ्लेमिंगो फ्लेमिंगो परिवार की सभी प्रजातियों में सबसे बड़ा है, जो भारतीय उपमहाद्वीप में पाया जाता है। संभवत: यह दुनियाका एकमात्र लंबी गुलाबी टांगों वाला पक्षी हो सकता है।
मिस क्रेन
Demoiselle Crane भारतीय उपमहाद्वीप में हर साल सर्दियां बिताने के लिए आती है। Demoiselle Crane प्रजाति में मिस क्रेन सबसे छोटी प्रजाति है, जो विभिन्न प्रकार के वातावरण में रहती हैं। ये ज्यादातर राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों में पाई जाती है।
ब्लू टेल्ड बी ईटर
ब्लू टेल्ड बी ईटर एक प्रवासी पक्षी है, जो प्रायद्वीपीय भारत में मौसमी रूप से पाया जाता है। रेतीले किनारों या खुले समतल क्षेत्रों में यह ज्यादा पाया जाता है। यह पक्षी भूमिगत घोंसला बनाता है और मुख्य रूप से भारतीय मधुमक्खियों, ततैया को अपना भोजन बनाता है।
रूडी शेल्डक
रूडी शेल्डक को ब्राह्मणी बतख के रूप में भी जाना जाता है। एक अत्यधिक प्रवासी पक्षी है, जो भारतीय उपमहाद्वीप के बैक वाटर और आर्द्र भूमि में सर्दियों में रहता है। ये पक्षी दक्षिण-पूर्वी यूरोप से भारत आते हैं।
यूरेशियन गौरैया
यूरेशियन स्पैरोहॉक रैप्टर प्रजाति के पक्षी हैं, जो सर्दियों के दौरान भारत में प्रवास करते हैं। इस पक्षियों पर अभी तक बहुत कम शोध हुए हैं।
रफ बर्ड
रफ आर्कटिक टुंड्रा क्षेत्र से हैं, जो हर साल भारत आते हैं। गर्मी के महीनों में चूजों के प्रजनन और पालन-पोषण भारत में ही करते हैं। भारत में सर्दी बढ़ते ही यहां से पलायन कर जाते हैं।
रोज़ी पेलिकन
ग्रेट व्हाइट पेलिकन, जिसे गुलाबी पेलिकन भी कहा जाता है, लंबी चोंच वाली एक बड़ी चिड़िया है। ये पीले-नारंगी गले की थैली वाले जलपक्षी हैं।
कंघी बतख
कॉम्ब डक बड़ा पक्षी है, जो ज्यादातर महाद्वीपीय दक्षिण अमेरिका में उष्णकटिबंधीय आर्द्र भूमि में में पाया जाता है। पूर्वी पराग्वे में पराग्वे नदी क्षेत्र में पाया जाता है, जो हर साल भारत प्रवास पर आता है।
ब्लैक टेल्ड गॉडविट
ब्लैक-टेल्ड गॉडविट एक बड़ी, लंबी टांगों वाला, लंबी-चोंच वाला शोरबर्ड पक्षी है, जो पहली बार 1758 में कार्ल लिनिअस द्वारा वर्णित किया गया था। यह पक्षी भी हर साल भारत प्रवास पर आता है।